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पुत्रदा एकादशी है आज, भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि पाने के लिए न करें ये गलतियां
साल 2020 में पुत्रदा एकादशी का व्रत 30 जुलाई को रखा जाएगी। यह व्रत हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। पूरे साल में 24 एकादशी के व्रत आते हैं। पुत्रदा एकादशी का व्रत साल में दो बार पड़ता है। श्रावण माह के आलावा पौष माह में भी पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है।
माना जाता है कि संतान से जुड़ी हर तरह की समस्याओं के निवारण के लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से संतान सुख मिलता है। हर व्रत की तरह पुत्रदा एकादशी करने के भी कुछ नियम है। कुछ लोग यह व्रत निर्जल करते हैं, वहीं इसे जल या फलाहार विधि से सच्ची आस्था के साथ रखा जा सकता है। जानते हैं कि पुत्रदा एकादशी के दिन किन नियमों का पालन करना चाहिए।
चावल के सेवन से बचें
ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल ग्रहण नहीं करना चाहिए। इसके पीछे ये वजह दी जाती है कि इस दिन चावल खाने से मनुष्य का जन्म रेंगने वाले जीव की योनि से होता है।
क्रोध से बचें
एकादशी का दिन व्यक्ति को श्रीहरि की आराधना और गुणगान में बिताना चाहिए। इस दिन क्रोध करने से बचें। साथ ही किसी भी तरह के वाद विवाद से दूर रहें।
ब्रह्मचर्य का नियम
एकादशी के दिन वयक्ति को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। एकादशी के दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
तामसिक भोजन से दूरी
हर माह पड़ने वाली एकादशी कि तिथियां धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण बताई गई हैं। एकादशी के दिन मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। व्यक्ति को शराब से भी दूरी बना लेनी चाहिए। व्यक्ति को सादा भोजन ग्रहण करना चाहिए।
महिलाओं का न करें अपमान
वैसे तो व्यक्ति को हर किसी का मान सम्मान हर दिन करना चाहिए। एकादशी के दिन विशेष तौर पर महिलाओं का किसी भी रूप में अपमान करने से बचने की सलाह दी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन महिलाओं का सम्मान न करने से व्रत का फल नहीं मिलता है और जीवन में कई तरह की मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं।