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ये है भारत के वो मंदिर जहां पुरुषों का प्रवेश है वर्जित

आइए आज हम आपको ऐसे कुछ मंदिरों के लिए बारे में जहां पुरुषों का आना मना हैं।

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आज तक हम ऐसी खबरें पढ़ते या सुनते आ रहे हैं जहां मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित होता है लेकिन आपने कभी सुना ऐसे किसी मंदिर के बारे में जहां पुरुषों के अंदर आने न‍हीं दिया जाता हो। सुनकर चौंक गए ना.. ऐसे मंदिर जहां पुरुषों को नहीं आने दिया जाता है।

जी हां भारत में ऐसे कई मंदिर है जहां कुछ विशेष दिनों या बाकी दिनों में मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है।आइए आज हम आपको ऐसे कुछ मंदिरों के लिए बारे में जहां पुरुषों का आना मना हैं।

अट्टुकल मंदिर

अट्टुकल मंदिर

केरला का अट्टुकल मंदिल जो महिलाओं की पूरी तरह चलती है। जब यहां पोंगल उत्‍सव मनाया जाता हैं तो भारी तादाद में महिलाएं भाग में लेती हैं। पोंगल दस दिन तक मनाया जाने वाला त्‍योहार है तो किसी धार्मिक समारोह में सर्वाधिक महिलाएं भाग लेने के लिए यह रिकॉर्ड गिनीज वर्ल्‍ड ऑफ रिकार्ड में दर्ज हो चुका है।

चक्‍कुलथुकावु मंदिर

चक्‍कुलथुकावु मंदिर

केरला में भगवती देवी को समर्पित एक ओर मंदिर यहां महिलाओं से जुड़े कई धार्मिक अनुष्‍ठान करवाएं जाते हैं। जिसे नारी पूजा कहा जाता है। दिसम्‍बर माह के पहले शुक्रवार को धनु कहा जाता है। जहां पुरुष पुजारी 10 दिन तक व्रत रखने वाली महिला श्रृद्धालुओं के पांव छूते है और धोते हैं। इस दौरान यहां पुरुषों का आना वर्जित होता है।

संतोषी माता का मंदिर (राजस्थान)

संतोषी माता का मंदिर (राजस्थान)

इस मंदिर में शुक्रवार के दिन पुरूषों को जाना मना है। यह पांबदी भले एक दिन की है, लेकिन यह किसी सजा से कम नहीं है। संतोषी माता के मंदिर में पुरूषों को पूजा करने की भी मनाही है. इसके अलावा बाकी अन्य दिनों में वे केवल माता के दर्शन ही कर सकते हैं।

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माता का मंदिर (बिहार)

माता का मंदिर (बिहार)

इस मंदिर में भी कुछ दिनों के दौरान पुरुषों के जाने पर पाबंदी होती है। इस मंदिर में माता का महीना होने के दौरान पुरुषों के जाने की मनाही है। यहां तक की पुजारी भी इन दिनों माता के दर्शन नहीं करते। अन्य दिनों में पुरुष माता के दर्शन कर सकते हैं।

(ये फोटो प्रतीकात्‍मक तौर पर लगाई गई है।)

सावित्री का मंदिर (राजस्थान)

सावित्री का मंदिर (राजस्थान)

यह मंदिर राजस्थान के पुष्कर में है। इस मंदिर से कुछ ही दूरी पर रत्नगिरी पर्वत है, जहां ब्रह्मा जी की पत्नी सावित्री का मंदिर स्थित है, इसलिए इसे सावित्री मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में केवल महिलाएं ही जा सकती हैं पुरूष नहीं।

कामाख्या मंदिर (असम)

कामाख्या मंदिर (असम)

कहा जाता है कि इस मंदिर में मांगी गई मुराद कभी खाली नहीं जाती, यहां सिर्फ पीरियड के दौरान भी महिलाएं इस मंदिर की परिसर में जा सकती है। लेकिन इस मंदिर में पुरुषों का जाना मना है। इस मंदिर की खासियत है कि यहां पुजारी भी एक स्त्री ही है। यहां मां के मासिक धर्म के दौरान पहनाएं गए कपड़ों की बहुत धार्मिक महत्‍व है इसलिए इसे यहां आने वाली महिला श्रृद्धालुओं को वितरित कर दिए जाते हें।

पुष्‍कर में बह्मा मंदिर

पुष्‍कर में बह्मा मंदिर

पुष्‍कर में एकमात्र बह्मा के मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा के दौरान शादी शुदा मर्दों का प्रवेश वर्जित होता है। हिंदू पंचाग के अनुसार यहा बह्मा के सम्‍मान में यहां पूजा की जाती है। इस दौरान पुरुषों को आना मना होता है।

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English summary

Temples, rituals in India where Men are not allowed

There are places of worship / temples in India where men are barred from entering the premise at all or on select days and occasions. Yes, temples where only women are allowed.
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