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कैसा होना चाहिये शिशु का डाइट प्‍लान ( 0 से 12 महीने तक )

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0-3 महीने के शिशु के लिए आहार
नवजात बच्‍चे के लिए सबसे अच्‍छा खाना, मां का दूध होता है। मां का दूध, शुद्ध, मिलावट रहित और सभी पोषक तत्‍वों से भरपूर होता है। इसके सही मात्रा में सेवन करवाने से बच्‍चा हष्‍ट - पुष्‍ट रहता है। इसके पीने से मां और बच्‍चे के बीच एक भावनात्‍मक रिश्‍ता बन जाता है। ब्रेस्‍ट मिल्‍क में इम्‍युनोग्‍लोबुलिन ( सुरक्षात्‍मक प्रोटीन ) मिला होता है जो बच्‍चे को बाहरी संक्रमण से बचाकर रखता है।

कुछ मां, बच्‍चे के इस नाजुक दौर में उबला पानी, फ्रुट जूस और ग्‍लूकोज पानी भी देती है जो आवश्‍यक नहीं होता है। मां का दूध, बच्‍चे के शरीर से बीमारियों और एलर्जी को दूर भगा देता है। जो बच्‍चा, मां का दूध नियमित रूप से पीता है उसे अस्‍थमा जैसे रोग होने का चांस बहुत कम होता है। 34 सप्‍ताह से छोटा नवजात, मां का दूध पीने में थोडा कम सजग होता है, ऐसे में मां को बच्‍चे को एक्‍सप्रेस्‍ड ब्रेस्‍ट मिल्‍क देना आवश्‍यक होता है।

Diet For Infants (0 to 12 months)

शुरूआत के 3 महीने में, मां का भोजन भी बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रभाव ड़ालता है। इसलिए, डिलीवरी के बाद महिला को अपना विशेष ध्‍यान रखना चाहिए और अपनी डाइट को बैलेंस रखना चाहिए। अगर मां को स्‍तनों में दूध सही तरीके से नहीं बनता है या कोई समस्‍या है तो वह बॉडी में आयरन की कमी को दर्शाता है। तीन महीने तक बच्‍चे को आयरन की सबसे ज्‍यादा जरूरत होती है। तीन महीने के बाद, आयरन से भरपूर अन्‍य भोजन भी देना शुरू किया जा सकता है जिसके बारे में आगे बताया जा रहा है।

3-6 महीने के शिशु का आहार

बच्‍चे की इस उम्र से उसके शरीर को पोषक तत्‍वों की भरपूर आवश्‍यकता पड़ती है। इस दौर में शिशु का आहार, मां के दूध पर ही निर्भर न रहकर बल्कि कुछ ठोस आहार में भी परिवर्तित हो जाता है जैसे - पका हुआ भोजन। इसकी शुरूआत बच्‍चे को सेरेलेक देकर करनी चाहिए, जिसे अच्‍छी तरह से मैश करके बच्‍चे को थोडे - थोडे अंतराल पर देना चाहिए, इससे बच्‍चे को शरीर के विकास के लिए पर्याप्‍त पोषक तत्‍व मिलेगें।

धीरे - धीरे बच्‍चे को दोपहर में भी कुछ - कुछ नया देने का प्रयास करें जो उसे आसानी से हजम हो जाएं। इस प्रकार, बच्‍चे को दी जाने वाली भोजन सामग्री में बढ़ावा करना चाहिए। जब आप बच्‍चे को कुछ नया भोजन देने की शुरूआत करें तो उसे कम से कम एक सप्‍ताह तक देना चाहिए, और उसके दो सप्‍ताह तक खिलाने के बाद ही कुछ और नया देना चाहिए। कुछ भी नया भोजन देने से बच्‍चे को शुरूआत में अपच हो सकती है।

रागी पाउडर, सूजी या कच्‍चे केले के पाउडर को चीनी और दूध में पकाकर देना भी लाभदायक होता है। इस बात का ध्‍यान रखें कि बच्‍चे को यह भोजन बोतल से न दें, खाने को चम्‍मच से खिलाने की आदत डालें ताकि बच्‍चे को बाद में ठोस आहार देने पर उसे दस्‍त न हों और उसका तालू भी काम करने लगे। बच्‍चा थोडा सा और बड़ा हो जाएं तो उसे अच्‍छी तरह पके हुए चावल और दही खिला सकते है। जब बच्‍चा, इसे अच्‍छी तरह से पचाने लग जाएं तो उसे खिचडी खिलाना चाहिए, जिसे चावल और मूंग की दाल से बनाया जाना चाहिए। बच्‍चे को इस उम्र में सूप और हल्‍की सुपाच्‍य सब्जियां और फल भी, सपलरीमेंशन फूड के तौर पर दिन में एक - आध बार देना चाहिए। फ्रूट और सब्जियों से बच्‍चे के शरीर में ब्रेस्‍ट मिल्‍क पर्याप्‍त मात्रा में न मिल पाने के कारण हुई आयरन की कमी को दूर करता है। बच्‍चे को दिया जाने वाला फल पूरी तरह से पका होना चाहिए।

अगर बच्‍चे का अच्‍छी तरह से ख्‍याल रखा जाएं तो उसके जन्‍म के 5 महीने में उसका वजन दोगुना हो जाता है।

6-8 महीने के बच्‍चे के लिए फूड

6 महीने के बाद बच्‍चे, ठोस आहार लेना पसंद करते है। बच्‍चों को इस समय तक फल, सब्जियां देना शुरू कर देना चाहिए। इस उम्र में बच्‍चे बहुत नटखट हो जाते है, वह खुद से भोजन को लेकर खाने लग जाते है, उनकी इस आदत को अपने ध्यान में रखकर प्रोत्‍साहित करना चाहिए।

छ: महीने के बाद बच्‍चे के दांत निकलने शुरू होते है। इस समय उनके दांतों में इरीटेशन होती है और वो उस इरीटेशन को शांत करने के लिए किसी भी चीज को मुंह में डाल लेते है और उसे मुंह में ही बनाएं रखते है। इससे उन्‍हे दस्‍त होने की संभावना होती है। इस आदत को कम करने के लिए बच्‍चे को एक बिस्‍कुट या टोस्‍ट दे दें जिसे वह चूसता रहे और चबा न पाएं।

बच्‍चे को उबला आलू फोड़कर सादा देना चाहिए, अगर चाहें तो उसमें हल्‍का नमक और नींबू के एक बूंद रस निचोंड दें। इसके अलावा, कई अन्‍य सब्जियां जैसे - गाजर, गोभी, कद्दू और पालक को भी अच्‍छे से उबालकर पीसकर नमक डालकर बच्‍चे को खिलाना चाहिए। बच्‍चे को मिल्‍क में इडली, ढोकला, चपाती आदि भी पीसकर दे सकते है। इस उम्र में बच्‍चे को अंडा भी देना शुरू किया जा सकता है। सप्‍ताह में 3 से 4 अंडे खिलाना स्‍वास्‍थ्‍यप्रद होता है।

9-10 महीने के बच्‍चे के लिए फूड

जब बच्‍चा 9-10 महीने को हो जाएं तो उसे आप फिश, चिकन, कलेजा और मीट भी खिला सकते है। लेकिन इसे अच्‍छी तरह पका और साफ्ट होना चाहिए, हड्डी वाला हिस्‍सा बच्‍चे को भूल से भी न दें। जब तक बच्‍चे के शरीर में प्रतिदिन 500 मिली. दूध पहुंचता रहता है तब तक अन्‍य पोषक तत्‍वों की कमी, शरीर में नहीं होती।

11 महीने के बाद, बच्‍चे का वजन पहले की तुलना में कम हो जाता है या स्थित रहता है। जब बच्‍चा एक साल का हो जाता है तो उसक वजन जन्‍म के समय से तीन गुना हो जाता है। बढ़ते बच्‍चों को समय - समय पर मिल्‍क, बिस्‍कुट और फ्रुट जूस आदि देना चाहिए। एक मिश्रित संतुलित भोजन , बच्‍चे के शरीर में होने वाली कमियों को दूर भगाता है।

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English summary

Diet For Infants (0 to 12 months)

The best food for the newborn baby is mother's milk. Breast milk is free from contamination and adulteration and supplies nutrients in almost correct amounts and propositions needed by the infants.
Story first published: Saturday, August 24, 2013, 17:23 [IST]
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