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गर्भावस्था के दौरान त्वचा में होने वाले चार प्रकार के परिर्वतन
गर्भावस्था के दौरान, त्वचा में परिवर्तन हो जाना या रैशेज पड़ जाना सामान्य बात होती है। इस अवस्था में त्वचा पर स्ट्रेच मार्क, वेरीकोज़ वेन्स, सूखापन और खुजली होने लगती है, साथ ही त्वचा में खिंचाव होता है।
त्वचा में होने वाले ये परिवर्तन, गर्भावस्था के बाद भी होते रहते हैं: गर्भावस्था के अंतिम दो महीनों में त्वचा में ज्यादा तेजी से परिवर्तन होता है। ये परिर्वतन, शरीर में बदलते हारमोन्स के कारण होते हैं। गर्भवती महिलाओं के शरीर में त्वचा में आने वाले इन परिवर्तनों के पीछे इम्यून प्रणाली भी एक बड़ा कारण है।
एक्सपर्ट के अनुसार, बच्चे के जन्म के बाद तुरंत ही त्वचा में होने वाली दिक्कतें या खिंचाव अचानक से सही हो जाता है। हालांकि, उसके बाद स्ट्रेच मार्क काफी पड़ जाते हैं और कई सप्ताह तक डार्क स्पॉट भी बने रहते हैं। इन समस्याओं को कुछ घरेलू उपचार से आसानी से सही किया जा सकता है, ये मुश्किल नहीं होता है। यहां तककि अगर खुजली और स्ट्रेच मार्क की समस्या भी आपको है तो घरेलू उपायों को अपनाएं। कई तरह के घरेलू उत्पाद आपकी त्वचा को दमकदार और स्वस्थ बनाने में मददगार होते हैं।
आइए
जानते
हैं
कि
गर्भावस्था
के
दौरान
गर्भवती
महिलाओं
के
शरीर
की
त्वचा
में
किस
प्रकार
के
परिवर्तन
आते
हैं:
वेरीकोज़
वेन्स-
गर्भावस्था
के
दौरान,
कभी
भी
वेरीकोज़
वेन्स
की
समस्या
हो
सकती
है।
इस
दिक्कत
का
प्रमुख
कारण,
पूरे
शरीर
में
रक्त
वॉल्यूम
का
बढ़
जाना
होता
है,
क्योंकि
महिला
गर्भवती
होती
है,
ऐसे
में
उसका
शरीर
कई
प्रकार
के
अनियंत्रित
प्रक्रियाओं
से
गुजर
रहा
होता
है।
इसके
लिए,
जरूरी
है
कि
गर्भवती
स्त्री
ज्यादा
समय
तक
खड़ी
न
रहें
और
पैरों
को
क्रॉस
करके
न
बैठें।
गर्भवती
स्त्री
को
अपना
वजन
भी
काबू
में
रखना
चाहिए
और
ऐसी
हल्की
कसरत
करनी
चाहिए
कि
शरीर
में
रक्त
का
संचार
सुचारू
रूप
से
होता
रहे।
स्पाडर नेवी- स्पाडर नेवी भी एक प्रकार का त्वचा परिवर्तन होता है जो शरीर में हारमोन्स के बदलने की वजह से, रक्त वाहिकाओं पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण होता है। ये स्पाइडर नेवी वेन्स, लाल रंग की होती है और केन्द्रीय बिंदु से होकर निकलती हैं। त्वचा पर यह परिर्वतन, प्रसव के बाद गायब हो जाता है।
स्कीन
इरप्शन-
गर्भावस्था
के
छठवें
महीने
के
बाद
त्वचा
में
परिर्वतन
आने
लगता
है
और
लालामी
आ
जाती
है।
हल्का
सा
मोटा
सा
महसूस
होता
है
और
स्ट्रेच
मार्क
की
तरह
दिखने
में
लगता
है।
ऐसा
होने
पर,
बेकिंग
सोडा
वाले
पानी
से
नहाने
पर
आराम
मिलता
है
और
दलिया
की
खुराक
को
शामिल
करने
से
समस्या
से
राहत
मिल
सकती
है।
प्रसव
के
बाद
समस्या
समाप्त
हो
जाती
है।
स्ट्रेच मार्क- गर्भावस्था के दौरान, त्वचा में सबसे बड़ा परिवर्तन स्ट्रेच मार्क के रूप में देखने को मिलता है। पेट के बढ़ने के कारण त्वचा उसी हिसाब से फैलती है लेकिन बाद में प्रसव के पश्चात त्वचा में झोल आ जाता है जिसकी वजह से स्ट्रेच मार्क पड़ जाते हैं। इसके लिए कई प्रकार की क्रीम आती हैं तो स्ट्रेच मार्क दूर कर देते हैं।
गालों
पर
पिग्मेंटेशन/डार्कस्पॉट-
गर्भावस्था
के
दौरान
गालों
पर
काले
धब्बे
या
चकत्ते
पड़
जाते
हैं।
ये
आनुवांशिक
समस्या
होती
है
और
घरेलू
उपायों
से
सही
हो
सकती
है।