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वल्वर कैंसर: महिलाओं में होने वाले इस कैंसर के बारे में आपको मालूम होना चाह‍िए, जानें कैसे करें इसकी पहचान

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कैंसर का नाम सुनते ही मन कांप जाता है। यह एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जो स्त्री या पुरूष किसी को भी अपनी जद में ले सकती हैं। हालांकि, जहां तक महिलाओं को होने वाले कैंसर की बात होती है, तो लोग ब्रेस्ट कैंसर के बारे में भी बात करते हैं। लेकिन इसके अलावा, वल्वर कैंसर से भी महिलाएं ग्रसित हो सकती हैं। वल्वर कैंसर, दुर्लभ कैंसर में से एक है, जो महिला जननांग की बाहरी सतह पर विकसित होता है। यह एक ऐसा कैंसर है, जो आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होता है और इसके लक्षण जल्दी से नजर नहीं आते हैं। जिसके कारण इसे बेहद घातक कैंसर कहा जाता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको वल्वर कैंसर और उसके लक्षण व उपचार के बारे में बता रहे हैं-

क्या होता है वल्वर कैंसर

क्या होता है वल्वर कैंसर

वल्वर कैंसर के बारे में आमतौर पर लोगों को कम ही पता होता है। यह कैंसर महिला जननांगों के बाहरी भाग योनि को प्रभावित करता है। पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में जीवनशैली में अचानक बदलाव और धूम्रपान जैसी अस्वास्थ्यकर आदतों के कारण महिलाओं में यह कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है। वल्वर कार्सिनोमा ज्यादातर योनि के आउटर हिस्से को प्रभावित करता है। योनि में शुरू होने वाले कैंसर को प्राथमिक वल्वर कैंसर कहा जाता है। जब कैंसर शरीर के किसी अन्य भाग से योनि में फैलता है तो इसे सेकेंडरी वल्वर कैंसर कहा जाता है।

वल्वर कैंसर होने पर नजर आते हैं यह लक्षण

वल्वर कैंसर होने पर नजर आते हैं यह लक्षण

यूं तो वल्वर कैंसर बहुत धीरे-धीरे विकसित होता है और इसलिए इसके लक्षण बहुत जल्दी नजर नहीं आते हैं। आमतौर पर, इसका पहला लक्षण एक गांठ या अल्सर होता है, जिसमें महिला को खुजली, बेचैनी या रक्तस्राव के साथ हो सकता है। इसके अलावा कैंसर के अन्य लक्षण निम्नलिखित हैं-

• दर्दनाक संभोग

• डिस्कलरेशन

• दर्दनाक पेशाब

• मस्से जैसी वृद्धि

• संवेदनशीलता

• अल्सरेशन

• स्किन का थिक होना

वल्वर कैंसर के लक्षण हर महिला में अलग हो सकते हैं। हालांकि, कुछ स्थितियों में कोई लक्षण नजर नहीं आता है।

जानिए रिस्क फैक्टर

जानिए रिस्क फैक्टर

ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) से संक्रमित महिलाओं में वल्वर कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। जिन महिलाओं को वल्वर इंट्रापीथेलियल नियोप्लासिया (वीआईएन) होता है, एक विकार जिसमें वल्वर त्वचा कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं में विकसित होती हैं, उनमें वल्वर कैंसर विकसित होने की काफी अधिक संभावना होती है। वहीं, नियमित रूप से धूम्रपान करने वाली महिलाओं को वल्वर कैंसर होने की संभावना तीन से छह गुना अधिक होती है। अगर आदतन धूम्रपान करने वाली महिला को एचपीवी इंफेक्शन है, तो इससे जोखिम और भी अधिक बढ़ जाता है।

वल्वर कैंसर के चरण

वल्वर कैंसर के चरण

वल्वर कैंसर स्टेज 0 से शुरू होकर स्टेज 4 तक हो सकता है।

स्टेज 0 - कैंसर केवल त्वचा की सतह पर ही दिखाई देता है।

स्टेज 1 और 2 - कैंसर योनि में होता है और 2 सेमी तक के आकार तक बढ़ता है।

स्टेज 3 - कैंसर गुदा या योनि जैसे आस-पास के ऊतकों और लिम्फ नोड्स में फैल गया पाया जाता है।

स्टेज 4 - कमर के दोनों तरफ लिम्फ नोड्स में फैलने के बाद, कैंसर आंतों, मूत्राशय या मूत्रमार्ग में फैल सकता है, जिस मार्ग से मूत्र शरीर से बाहर निकलता है।

इलाज

वल्वर कैंसर के इलाज के लिए इन तरीकों को अपनाया जा सकता है।

सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और बायोलॉजिक थेरेपी वल्वर कैंसर के सबसे आम उपचार हैं।

वल्वर कैंसर के इलाज की प्राथमिक विधि सर्जरी है। यदि प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पता चल जाता है, तो इसका इलाज केवल एक छोटी सी सर्जरी से किया जा सकता है। यदि कैंसर बढ़ जाता है तो अगली स्टेज में सर्जरी अधिक जटिल होगी जब कैंसर मूत्रमार्ग, योनि या मलाशय जैसे अंगों में फैल गया हो।

बचाव के उपाय

कहते हैं कि इलाज से बेहतर रोकथाम है। ऐसे में कुछ उपाय अपनाकर कैंसर से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है।

• सुरक्षित यौन संबंध बनाना, धूम्रपान न करना, एचपीवी का टीका लगवाना और सर्वाइकल स्मीयर टेस्ट कराना कुछ ऐसे उपाय हैं जो वल्वर कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं।

• जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका लक्षणों से अवगत होना और तुरंत जांच करवाना है।

• साल में कम से कम एक बार महिला को फुल बॉडी चेकअप अवश्य करवाना चाहिए, ताकि महिला को किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या होने से पहले ही उसका पता लगाया जा सके।

English summary

Know About The Symptoms Of Vulvar Cancer In Hindi

here we are talking about the symptoms of vulvar cancer and its treatment. To know more read on.
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