For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

कहीं आपका जन्‍म राक्षस गण में तो नहीं हुआ

ज्योतिष शास्‍त्र के अनुसार जन्म के समय मौजूद नक्षत्र के आधार पर व्यक्ति का गण निर्धारित होता है। ज्योतिष शास्‍त्र में जन्म के समय मौजूद नक्षत्रों की भूमिका बहुत बड़ी होती है।

|

आपने देखा होगा कि जब भी घर में किसी की शादी की बात चलाई जाती है तो सबसे पहले कुंडलियां मिलाई जाती है, कुंडलियों में गुण, नाड़ी दोष और गण पर ज्‍यादा जोर दिया जाता है। क्‍योंकि इन्‍हीं पर दांपत्‍य जीवन का भविष्‍य टिका होता है।

ज्योतिष शास्‍त्र के अंतर्गत प्रत्येक मनुष्य को तीन श्रेणियों में बांटा गया है जो उनके गण के आधार पर निर्धारित हैं। ये तीन श्रेणियां हैं देव गण, मनुष्य गण और राक्षस गण। गण के आधार पर मनुष्य का स्वभाव और उसका चरित्र भी बताया गया है।

ज्योतिष शास्‍त्र के अनुसार जन्म के समय मौजूद नक्षत्र के आधार पर व्यक्ति का गण निर्धारित होता है। ज्योतिष शास्‍त्र में जन्म के समय मौजूद नक्षत्रों की भूमिका बहुत बड़ी होती है। आप किस ग्रह के अंतर्गत जन्में हैं, किस राशि के अधीन आते हैं और आपके जन्म का नक्षत्र क्या था, ये बात आपके पूरे जीवन की रूप रेखा खींच देती है।

manav

देव गण
देव गण से संबंध रखने वाला याचक दानी, बुद्धिमान, कम खाने वाला और कोमल हृदय का होता है। ऐसे व्यक्ति के विचार बहुत उत्तम होते हैं, वह अपने से पहले दूसरों का हित सोचता है।

manushya

मनुष्य गण
वहीं जिन लोगों का संबंध मनुष्य गण से होता है वह धनवान होने के साथ ही धनुर्विद्या के अच्छे जानकार होते हैं। उनके नेत्र बड़े-बड़े होते हैं साथ ही वह समाज में काफी सम्मान पाते हैं और लोग उसकी बात को ऊपर रखकर चलते हैं।

Astrology

राक्षण गण
लेकिन जब बात आती है राक्षण गण की तो बहुत से लोग इसका नाम सुनकर ही डर जाते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि आप में से बहुत से लोग जब अपनी कुंडली चेक करवाएंगे तो आपका गण भी राक्षस ही आएगा लेकिन इसमें भयभीत होने की कोई जरूरत नहीं है।

woman

नकरात्‍मक शक्तियों को पहचान लेते है।
हमारे आसपास भिन्न-भिन्न तरह की शक्तियां मौजूद होती हैं, उनमें से कुछ नकारात्मक होती हैं तो कुछ सकारात्मक। ज्योतिष विद्या के अनुसार राक्षस गण के जातक नेगेटिव एनर्जी का आभास जल्‍दी कर लेते है।
इसके अलावा राक्षस गण के जातकों की छठी इन्द्री यानि कि सिक्स्थ सेंस ज्यादा बेहतर तरीके से कार्य करता है राक्षस गण के जातक साहसी और मजबूत इच्छाशक्ति वाले होते हैं, उनके जीने का तरीका स्वच्छंद होता है।

moon

नक्षत्र
अश्लेषा, विशाखा, कृत्तिका, मघा, ज्येष्ठा, मूल, धनिष्ठा, शतभिषा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग राक्षण गण के अधीन माने जाते हैं।

marriage

गण मिलने भी है जरुरी
विवाह के समय मिलान करते हुए ज्‍योतिषाचार्य गणों का मिलान भी करते हैं। गणों का सही मिलान होने पर दांपत्‍य जीवन में सुख और आनंद बना रहता है। देखिए किस गण के साथ उचित होता है मिलान -:
- वर - कन्‍या का समान गण होने पर दोनों के मध्‍य उत्तम सामंजस्य बनता है।
- वर - कन्या देव गण के हों तो वैवाहिक जीवन संतोषप्रद होता है।
- वर - कन्या के देव गण और राक्षस गण होने पर दोनों के बीच सामंजस्य न्यून रहता है और उनके मध्‍य पारस्परिक टकराव की स्थिति बनी रहती है।

English summary

What is Rakshasa Gana?

In General, People born under ‘raakshasa gana’ are stubborn with their views and don’t easily adapt, and are less sensitive.
Story first published: Thursday, February 9, 2017, 17:41 [IST]
Desktop Bottom Promotion