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बच्चों की सुरक्षा से संबंधित उपाय
शिशु
तथा
छोटे
बच्चे
स्वाभविक
रूप
से
उत्सुक
होते
हैं
तथा
माता
पिता
को
यह
देखने
की
आवश्यकता
होती
है
कि
घर
में
तथा
घर
के
बाहर
बच्चों
को
किन
चीज़ों
से
खतरा
हो
सकता
है।
माता
पिता
को
आपदा
आने
तक
इंतज़ार
नहीं
करना
चाहिए
बल्कि
इसके
पहले
ही
उन्हें
सुनिश्चित
कर
लेना
चाहिए
कि
उनका
घर
सुरक्षित
है।
यहाँ
बच्चों
की
सुरक्षा
से
संबंधित
तथा
अप्घातों
को
रोकने
के
तरीके
बताए
गए
हैं।
अपने घर को सुरक्षित बनायें:
1. जब बच्चा घुटनों के बल चलना शुरू करता है तो माता पिता को घर में सुरक्षा दरवाज़े की आवश्यकता होती है ताकि बच्चे को उन कमरों में जाने से रोका जा सके जहाँ पहुंचना बच्चे के लिए कठिन होता है। कॉफ़ी के टेबल तथा डेस्क के किनारों पर कॉर्नर एंड ऐज प्रोटेक्टर लगायें। ये न केवल गिरने से बचायेंगे बल्कि गिरने पर लगने का दर भी कम रहेगा।
शिशु
को
मालिश
की
कोई
जरुरत
नहीं,
बोलते
हैं
डॉक्टर्स
2. बिना रॉड वाले परदे और ब्लाइंड्स चुनें। यदि ये आपके पास है तो डोरियों को ऊपर तथा बच्चे की पहुँच के बाहर बांधें। कांच वाले स्थान पर रंगीन स्टिकर्स लगायें जैसे स्लाईडिंग वाले कांच के दरवाज़े आदि जिससे बच्चे को याद रहे कि उस स्थान पर दरवाजें हैं।
3. इलेक्ट्रिकल स्विच को ढंकने के लिए आप सॉकेट कवर्स का उपयोग कर सकते हैं जिससे बच्चा इलेक्ट्रिक उपकरणों के प्लग न लगा सके क्योंकि ये खतरनाक हो सकते हैं। हालाँकि यह ज़्यादा अच्छा होगा कि सॉकेट कवर का उपयोग करने के बजाय इन उपकरणों को बच्चों की पहुँच से दूर रखें। पेन, लेटर ओपनर, स्टैपलर, पेपर क्लिप्स और अन्य तेज़ धार वाले उपकरणों को ताले वाले ड्रावर में रखें।
4.
कॉर्नर
प्रोटेक्टर्स
–
ये
फर्नीचर
के
किनारों
को
कवर
करने
के
लिए
होते
हैं
तथा
इससे
सिर
को
टकराने
से
बचाया
जा
सकता
है।
सलाह:
चलने
वाले
बच्चों
को
घर
पर
आने
वाले
मेहमानों
के
बैग
में
रखी
दवाईयों,
पेन
या
अन्य
संभावित
खतरनाक
वस्तुओं
से
खतरा
हो
सकता
है।
जैसे
ही
घर
में
मेहमान
आते
हैं
उनके
सामना
को
बच्चों
की
पहुँच
से
दूर
रखें।
5.
खाद्य
पदार्थों
से
एलर्जी
बच्चों
को
खाद्य
पदार्थो
की
एलर्जी
से
बहुत
खतरा
होता
है।
जब
आप
अपने
बच्चों
को
ठोस
आहार
देना
प्रारंभ
करते
हैं
तो
यह
बात
महत्वपूर्ण
है
कि
आप
एक
समय
में
एक
पदार्थ
प्रारंभ
करें।
इससे
आप
न
केवल
एलर्जी
का
ध्यान
रख
पाएंगे
बल्कि
माता
पिता
को
यह
बात
भी
पता
चलेगी
कि
बच्चे
को
किस
खाद्य
पदार्थ
से
एलर्जी
है।
6.
बच्चे
और
पालतू
जानवर
जब
भी
बच्चा
कुत्ते
के
आसपास
हो
तो
हमेशा
ध्यान
देने
की
आवश्यकता
होती
है।
इस
बात
से
कोई
फर्क
नहीं
पड़ता
कि
पालतू
जानवर
कितना
विश्वसनीय
है,
यदि
छोटा
बच्चा
उसकी
पूँछ
खीचेगा
या
या
उसकी
आँख
में
उंगली
डालेगा
तो
वह
जानवर
भी
अपना
धैर्य
खो
देगा।