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ओह तो रात में इसलिए रोते है बच्चे...
नवजात बच्चे और साल भर तक के बच्चे अक्सर रात को नींद में रो पड़ते है। चुंकि वह कुछ बोल नहीं पाते, इसलिए वह अपनी तकलीफ नहीं बता सकते है।
ऐसे में मां-बाप का परेशाना होना भी वाजिब है, क्योंकि उन्हें समझ में नहीं आता कि आखिर बच्चा रो क्यों रहा है और ऐसा क्या किया जाए कि वह चुप हो जाए और आराम से सोए।
रात को नींद में रोते हुए बच्चे को संभालना बहुत मुश्किल होता है, ऐसे में आज हम यहां रात में नींद में बच्चों के रोने के कुछ आम कारण बता रहे है। जिन्हें जानकर और समझकर अबकी बार बच्चे को आराम से सुला सकते है।
1. भूख व प्यास लगना
सोते हुए बच्चे का अचानक रोने कि वजहों में सबसे पहला कारण है उसका भूखा होना या फिर उसे प्यास लगना। असल में छोटे बच्चे को बार-बार भूख लगती है। इसलिए राय दी जाती है कि न्यूबॉर्न बेबी हो दिन में थोड़ी-थोड़ी देर में 8 से 12 बार कुछ न खिलाना चाहिए। फिर धीरे-धीरे बढ़ती उम्र के साथ तालमेल बैठा कर खानें के टाइम को कम किया जा सकता है। जैसे कि 1से 2 माह के बच्चे को 7 से 9 बार खिला सकते है। इस तरह एक टाइम शेड्यूल बनने पर बच्चा आराम से 6 से 8 घंटे कि पूरी नींद ले सकता है।
2. आपके करीब होने का एहसास
कुछ केसेस में यह भी देखने को मिलता है, कि सोते हुए बच्चा सिर्फ इसलिए रोता है कि उसे मां का साथ चाहिए होता है। असल में 8 से 12 माह में बच्चे को एहसास होने लगता है कि मां करीब है या नहीं। इसलिए कोशिश करें कि उसे अपनी गोद में सुलाए या फिर थोड़ी देर उसके साथ ही सो जाए।
3. ज्यादा ठंडा या गर्म होना
बच्चे को आरामदायक महसूस करने के लिए टैम्प्रेचर भी अहम होता है। ज्यादा ठंडा या गर्म होने पर भी बच्चे को चिड़चिड़ाहट हो सकती है। इसलिए रूम का टैम्प्रेचर जरूर चैक कर लें।
4. नैपी का गंदा होना
सोते हुए नैपी का गंदा या गीला होने कि वजह से भी बच्चे को आराम नहीं मिलता है। इसलिए रोते हुए बच्चे कि नैपी जरूर चैक कर लें। गंदा है तो तुरंत बदल दे।
5. नींद में खलल पड़ना
कुछ बच्चों को सोने के लिए बहुत ही शांती वाला माहौल चाहिए होता है। यहां तक कि बच्चे करवट लेने पर भी जाग उठते है। इसलिए बच्चे को सुलाते हुए यह जांच ले, कि रूम में कोई आवाज न हो और खिड़की का पर्दा अच्छे से लगा हो ताकि रोशनी का चिल्का उनके फेस पर न आए।
6. दांतों का आना
बच्चा जब 6 महीने का होता है तो, उसके दूध वाले दांत निकलने लगते है। ऐसे में उसे मसुडें फूलते है और उनमें खुजली होती है। जिस वजह से वह परेशान होते है और सहीं तरीके से सो नहीं पाते। ऐसे में बच्चों के मसुडों पर आराम से धीरे-धीरे मालिश करें, ताकि बच्चे को आराम मिल सके।
7. गैस बनना
अगर बच्चा दिन में तीन से ज्यादा रोता है तो हो सकता है कि उसके पेट में दर्द हो रहा हो। पेट में दर्द गैस कि वजह से भी हो सकती है। ऐसा होने पर उसका पेट फूल जाएगा, वह मुठ्ठी बनाने लगता है और पैरों को पटकने लगता है। ऐसी परिस्थिति में गैस पास होने पर या पौटी होने पर उसे आराम मिल जाएगा।
8. बीमार होना
रात को सोते हुए कई बार बच्चे दर्द या बीमार होने कि वजह से भी रोते है। जैसे कि हाथ या पैर का चादर में फंस जाना, डायपर से रैश हो जाना या फिर गैस का बनना। इसके अलावा रात को अक्सर बच्चे कि नाक बंद हो जाती है, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है, अगर ऐसा है और आपको लगता है कि कफ बन रहा है और उल्टियां भी हो रही तो डॉक्टर के पास जाने में देर न करें।