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गर्भावस्था के 9वें महीने में सावधानी बेहद जरूरी
जानें गर्भावस्था के 9 वें महीने में होने वाले बदलाव के बारे
पेट के अंदर लातों से आपके दिल में बच्चे के लिए अलग सा प्रेम जागेगा। नवें महीना प्रेगनेंसी का अंतिम दौर होता है, लिहाजा इसमें सबसे ज्यादा सावधानियां बरतनी पड़ती हैं, न केवल खान-पान की बल्कि अपने-उठने बैठने की आदतों पर भी। इस दौरान बच्चे का वजन तेजी से बढ़ता है।
8 महीने की प्रेगनेंसी में रखें ये सावधानियां
मानकों की मानें तो हर सप्ताह बच्चे का एक पाउंड बढ़ता है और प्रेगनेंसी के 37वें से लेकर 40वें सप्ताह में उसके पैदा होने की प्रबल संभावनाएं होती हैं। यदि 40वें सप्ताह में बच्चा पैदा नहीं हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, भले ही दर्द उठे चाहे नहीं उठे। ऐसा अकसर तब होता है जब बच्चा पेट में घूम जाता है। इस स्थिति में प्रसव में खासी दिक्कतें आती हैं।
क्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें-
- यदि आपकी योनि से सफेद रंग या पानी जैसा द्रव्य निकलने लगे, तो तुरंत डॉक्टर के पास जायें।
- हलका हलका दर्द उठेगा, लेकिन अगर दर्द की पुनरावृत्ति अधिक हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- डॉक्टर ने जो डेट दी है, उस डेट पर उसके पास जरूर जायें। कई बार महिलाएं झिझक व लापरवाही के चलते या ये सोचकर दर्द तो उठा नहीं डॉक्टर के पास क्या जायें, क्लीनिक नहीं जाती हैं। ऐसा करना आपके लिए व बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। क्योंकि डॉक्टर द्वारा दी गई डिलीवरी डेट पर बच्चा नहीं होने पर कॉम्प्लेक्शन बढ़ जाते हैं और कई तरह की घटनाएं होने की आशंका होती हैं, जैसे बच्चे द्वारा मल विसर्जन, इनफेक्शन आदि।
- बुखार आये या ब्लड प्रेशर कम या ज्यादा हो, तो डॉक्टर के पास जाने में जरा भी कोताही न बरतें।
- यदि आप मधुमेह की रोगी हैं और शुगर लेवल अचानक बढ़ गया है, तो यह खतरे की घंटी है।
- पेट पर खुजली होती है और वक्ष में लगातार हलका-हलका दर्द होता है। यह दर्द तब तक होता है, जब तक प्रसव नहीं हो जाता। ऐसा होने पर आप एक अच्छा मोआइश्चराइजिंग लोशन का इस्तेमाल करें और वक्ष में ज्यादा दर्द हो तो डॉक्टर को बतायें।
घर में क्या करें क्या न करें-
- नवां महीना शुरू होते ही अपने घर के रेफ्रिजिरेटर में फल व आसानी से पकाये जा सकने वाले भोजन को रखें। क्योंकि कब डिलीवरी होगी यह पता नहीं होता।
- आपको अचानक कमजोरी सी लगेगी, तो कभी खुद को आप फुर्तीला महसूस करेंगी। कभी थकान लगेगी तो कभी आप काफी उत्साह से भरी होंगी। उत्साह इस बात का होगा कि आपका बच्चा जल्द आपकी गोद में होगा।
- इस दौरान आप अपने खान-पान का खास खयाल रखें, और खुद का भी।
- डॉक्टर द्वारा बतायी गई डेट से पहले बच्चा पैदा करवाने की जल्दबाजी न करें। उदाहरण के तौर पर आजकल ज्योतिष से अच्छा मुहूर्त विचरवा कर डिलीवरी कराने का चलन बच्चे के लिए हानिकारक होता है। डॉक्टरों के मुताबिक अपना समय पूरा करने वाला बच्चा ही सबसे ज्यादा स्वस्थ्य होता है।
- कई महिलाएं घरेलू नुस्खे अपना कर जल्दी डिलीवरी के चक्कर में रहती हैं, यह बच्चे के लिए खतरनाक है।
- यदि आप जॉब कर रही हैं तो मैटरनिटी लीव लेकर अपने ऑफिस का सारा टेंशन घर से बाहर कर दें और डॉक्टर के कहे अनुसार रेस्ट करें। नवें महीने में गर्भवती महिला को टेंशन जरा भी नहीं होना चाहिये।
सिजेरियन डिलिवरी के खराब प्रभाव
अस्पताल के लिए तैयारियां
- नवां महीना लगते ही दो बैग पैक कर के रख लें, जिसमें आपके और बच्चे के साफ कपड़े होने चाहिये। बच्चे को नया कपड़ा कतई मत पहनायें, उससे उसकी कोमल त्वचा पर रैशेस पड़ सकते हैं। बैग में एक मेडिकेटेड साबुन, क्रीम, कंघा, चार जोड़ी कपड़े, एक साफ चादर, एक कॉटन का पैकेट, टूथ ब्रश, टूथ पेस्ट, आदि जरूरी सामान होना चाहिये।
बच्चे को जन्म देने के दौरान होती हैं ये दिक्कतें
- यदि आप घर में अकेली रहती हैं तो अपने मोबाइल में सबसे ऊपर उस व्यक्ति का नंबर सेव करके रखें, जो आप तक सबसे जल्दी पहुंच सकता है। लैंडलाइन फोन के बगल में एक बड़े कागज में अपने करीबियों के नंबर जरूर लिख दें, ताकि जरूरत पड़ने पर देर न हो। बेहतर होगा यदि आप एंबुलेंस का नंबर भी नोट कर लेंगी।