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बिना फैट का सेवन किये प्रोटीन की मात्रा को कैसे बढायें
प्रोटीन हमारे शरीर के निर्माण के लिए सबसे जरूरी तत्वों में से एक है। यह टिश्यू, सेल और ऑर्गन की देखभाल करने और उन्हें दुरूस्त बनाए रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माइक्रोन्यूट्रीएंट्स हैं।
भोजन में प्रतिदिन प्रोटीन लेने के बावजूद ज्यादातर लोगों में प्रोटीन की कमी पायी जाती है। बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के गुणवत्ता वाले प्रोटीन के बारे में पहले हमें जानकारी होनी चाहिए।
इनकी सहायता से फैट की चिंता किए बिना कोई भी व्यक्ति आसानी से शरीर में प्रोटीन को बढ़ा सकता है।
अच्छी औऱ सही मात्रा में प्रोटीन लें :
प्रोटीन लेने के बाद हमारा शरीर प्रोटीन को बीस एमिनो एसिड में तोड़ देता है जो शरीर के विकास और एनर्जी के लिए आवाश्यक होता है। पशुओं से उपलब्ध अंडा, मीट,पोल्ट्री, मछली और डेयरी जैसे खाद्य पदार्थों में प्रोटीन की सर्वाधिक मात्रा होती है। सब्जियों, अनाज, बीन्स और नट्स में कम लेकिन सबसे आवश्यक एमीनो एसिड पाये जाते हैं। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि एनिमल प्रोटीन लेना ही जरूरी है। शाक-सब्जियों और फलियों में भी प्रोटीन पायी जाती है जो शरीर में आवश्यक एमीनो एसिड की भरपायी करती है।
वयस्कों को कम से कम 0.8 ग्राम प्रोटीन अपने प्रति किलो वजन के हिसाब से प्रतिदिन खाना चाहिए। जबकि नर्सिंग महिलाओं को प्रेगनेंसी से पहले की तुलना में प्रतिदिन 20 ग्राम उच्च गुणवत्ता का प्रोटीन खाना चाहिए इससे महिलाओं में दूध बढ़ता है। वृद्ध वयस्कों को 1 से 1.5 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम वजन के हिसाब से खाना चाहिए। अधिक प्रोटीन के सेवन से ऑस्टिओपोरोसिस, मोटापा, टाइप-2 डायबिटिज और स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
हाई क्वालिटी और लो क्वालिटी का प्रोटीन :
प्रोटीन लेने से पहले इसके गुणवत्ता की जांच करना काफी महत्वपूर्ण है। जैसे रेड मीट और फुल-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स दोनों में अधिक मात्रा में प्रोटीन पायी जाती है लेकिन इसमें सैटुरेटेड फैट भी होता है जो कि शरीर के लिए हानिकारक होता है।
प्रोटीन की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए इंडस्ट्रियली रेज्ड मीट के साथ ऑर्गेनिक ग्रास फेड मीट की जांच करनी चाहिए। वैसे इंडस्ट्रियली रेज्ड मीट में उच्च गुणवत्ता की प्रोटीन पायी जाती है। शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए हमेशा अच्छे गुणवत्ता वाले प्रोटीन का चुनाव करना चाहिए।
कम वसा वाले खाद्य पदार्थों से प्रोटीन की मात्रा कैसे बढ़ाएं
फलियां, बीन्स, दाल और मसूर के अलावा अन्य पोषक तत्व जैसे फाइबर और पोटैशियम कम फैट वाले प्रोटीन के स्रोत हैं। ये शरीर के लिए जरूरी सभी प्रकार के एमीनो एसिड और प्रोटीन कंपोनेंट प्रदान नहीं करते हैं।
हालांकि दालों और अनाज को एक साथ लेने से शरीर में आवश्यक एमीनो एसिड की कमी पूरी हो जाती है। खिचड़ी दाल और ब्राउन राइस, मसूर सूप के साथ जौ या राजमा के साथ ब्राउन राइस लेने से प्रोटीन की भरपाई हो जाती है।
मछलियों का सेवन करें
चिकन, शेल फिश और अन्य तरह की मछलियां जैसे सोल, कॉड, माही, बासा प्रोटीन के सबसे उत्कृष्ट स्रोत हैं। इनके स्किन को हटा देने पर फैट की मात्रा काफी कम हो जाती है।
सी-फूड खाएं
हफ्ते में कम से कम तीन बार सी-फूड खाएं क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है और सैचुरेटड फैट कम पाया जाता है। साल्मोन, ट्रॉट, सार्डिन्स, एन्कॉविस, ब्लैक कॉड और हेरिंग में अधिक मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है।
फैट मिल्क, पनीर और योगर्ट खाएं
फुल-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स में अनहेल्दी सैटुरेटेड फैट होते हैं। लो फैट मिल्क, पनीर और योगर्ट में प्रोटीन अधिक होता है। योगर्ट ग्रेनोला खाने से प्रोटीन मिलता है। कम वसा वाले दही और फ्लेवर्ड मिल्क में मिली शुगर से सावधानी बरतें। प्रोसेस्ड फ़ूड से परहेज करें क्योंकि इसमें अक्सर नॉन डेयरी इनग्रेडिएंट्स पाए जाते हैं।
नट्स या सीड्स लें
स्नैक्स में चिप्स के बजाए नट्स या सीड्स लें। बेक्ड डेजर्स की जगह ग्रीक दही, पिज्जा की जगह ग्रिल्ड चिकन ब्रेस्ट और बीन्स लें। शरीर में सोडियम की मात्रा कम करने के लिए बिना नमक वाले नट और सीड लें।
बीन्स, सीड्स और नट्स इन सभी खाद्य पदार्थों में फाइबर के अलावा प्रोटीन और अच्छा फैट पाया जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें की आपकी लिपिड इससे प्रभावित न हो।
टोफूू भी खाएं
टोफू, प्रोटीन की जरूरत को पूरा करता है और इसमें कम फैट होता है। यह बेस्वाद होता है इसलिए इसे अन्य खाद्य पदार्थों के साथ खाया जाता है। आप चिकन या भुर्जी के साथ भी इसे खा सकते हैं।