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शैम्पू और कंडीशनर का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं? इससे आपके होने वाले बच्चे को हो सकता है नुकसान
जो माता-पिता अपनी जीवन शैली में केमिकल्स का अधिक प्रयोग करते हैं या उनके संपर्क में रहते हैं, उनके बच्चे के जन्म के समय कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
जो माता-पिता अपनी जीवन शैली में केमिकल्स का अधिक प्रयोग करते हैं या उनके संपर्क में रहते हैं, उनके बच्चे के जन्म के समय कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। ये केमिकल्स रोजाना सफाई में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स में पाया जाता है।
जिस डिटर्जेंट, शैम्पू और कंडीशनर का आप इस्तेमाल करते हैं उनकी वजह से भी बच्चे की पैदाइश के समय शारीरिक या मानसिक समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। बच्चे के जन्म के समय ब्रेन, स्पाइन या स्पाइनल कॉर्ड डैमेज हो सकता है।
इस
स्टडी
में
चूहों
पर
क्लींजिंग
केमिकल्स
का
प्रयोग
किया
गया
था।
यह
क्लींजिंग
केमिकल्स
'क्यूटेस'
नाम
के
केमिकल
से
जाना
जाता
है,
जिससे
बर्थ
डिफेक्ट
को
बढ़ते
हैं।
एडवर्ड कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर टेरी का मानना है कि ये केमिकल्स रोजाना हमारे घर में इस्तेमाल होते हैं। हॉस्पिटल, स्विमिंग पूल और कई सार्वजनिक जगहों पर भी प्रयोग होते हैं।
उनका ये माता और पिता के किसी एक के भी केमिकल्स के सम्पर्क में आने से भी बच्चे में जन्म के समय मानसिक और शारीरिक कमजोरी आ सकती है। अगर माता-पिता दोनों इन क्लींजिंग केमिकल्स का प्रयोग करते हैं तो यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
बर्थ डिफेक्ट रिसर्च जर्नल में इस रिसर्च को पूर्ण रूप से बताया गया है कि ये हानिकारक केमिकल्स ज्यादातर सफाई करने वाले क्लीनर्स में पाए जाते हैं जैसे हैंड वाइप्स, खाना सुरक्षित रखने वाली चीजें, स्विमिंग पूल में मिले केमिकल्स, लांड्री के प्रोडक्ट्स, शैम्पू, कंडीशनर, आई ड्रॉप्स और कई आपके इस्तेमाल की चीजों से बच्चे में बर्थ डिफेक्ट हो सकता है।
इन केमिकल्स का प्रयोग चूहों पर किया गया था जिस तरह का प्रभाव उन पर पड़ा, उस तरह का उन इंसानों में भी पाया गया जो इस तरह के केमिकल्स का अधिक प्रयोग करते हैं।
एक कमरे में क्यूॉट बेस्ड क्लीनर्स का प्रयोग किया गया और चूहों को उसमे छोड़ा गया फिर कुछ समय बाद पाया गया कि उस कमरे के चूहों में बर्थ डिफेक्ट जैसी समस्या देखी गई।