For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

शिव के पंचाक्षर मंत्र से सृष्टि के पांचों तत्व होते हैं नियंत्रित, जानें मंत्र और स्तोत्र के लाभ

|

माना जाता है कि सृष्टि का नियंत्रण महादेव के हाथों में है। शिवभक्त सावन ही नहीं बल्कि पूरे साल प्रभु की पूजा अर्चना करते हैं। भगवान नीलकंठ को प्रसन्न करने के लिए शिव पंचाक्षर मंत्र और शिव पंचाक्षर स्तोत्र का जप किया जाता है। आपने भी अकसर पूजा के समय इन मंत्रों को सुना होगा मगर इस पर गौर नहीं किया होगा। आज इस लेख के माध्यम से जानते है शिव पंचाक्षर मंत्र और शिव पंचाक्षर स्तोत्र के बारे में।

शिव पंचाक्षर मंत्र

शिव पंचाक्षर मंत्र

शास्त्रों में भोलेनाथ की उपासना के लिए पांच अक्षर बताए गए हैं और ये पांच अक्षर है न, म, शि, व, य जिन्हें मिलाकर बनता है नमः शिवाय। गौरतलब है कि सृष्टि पांच तत्वों से मिलकर बनी है - पृथ्वी, अग्नि, जल, आकाश और वायु। शिव के पंचाक्षर मंत्र से सृष्टि के पांचों तत्व नियंत्रित होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 'ओम नमः शिवाय' सबसे पहला मंत्र है जिसकी उत्पत्ति मानव जाति के कल्याण के लिए की गई थी। जिस प्रकार सभी देवताओं में देवाधिदेव महादेव सर्वश्रेष्ठ हैं, उसी प्रकार भगवान शिव का पंचाक्षर मंत्र ‘नमः शिवाय' श्रेष्ठ है।

Most Read: सौभाग्यशाली हैं ये तीन राशियां, इन्हें मिलता है शिवजी का विशेष आशीर्वादMost Read: सौभाग्यशाली हैं ये तीन राशियां, इन्हें मिलता है शिवजी का विशेष आशीर्वाद

शिव पंचाक्षर मंत्र के जप से लाभ

शिव पंचाक्षर मंत्र के जप से लाभ

पंचाक्षर मंत्र अल्पाक्षर तथा अति सूक्ष्म है मगर इसमें अनेक अर्थ समाये हुए हैं। यह मंत्र समस्त वेदों का सार है। यह मंत्र मुक्ति और मोक्ष देने वाला है। इस मंत्र से कई प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। इस मंत्र के प्रभाव से साधक को लौकिक, पारलौकिक सुख, इच्छित फल तथा पुरुषार्थ की प्राप्ति हो जाती है। इस मंत्र के श्रद्धापूर्वक जाप से ही मनुष्य को पापों से मुक्ति मिल जाती है।

पंचाक्षर मंत्र से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। आर्थिक स्थिति में सुधार करने और विद्या की प्राप्ति करने वाले जातकों को अंजलि में जल लेकर शिव का ध्यान करते हुए 11 बार शिव पंचाक्षर मंत्र का जप करना चाहिए और उस जल से शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। भोजन ग्रहण करने से पूर्व 11 बार इस मंत्र के जप से वो भोजन भी अमृत के समान हो जाता है।

शिव के पंचाक्षर मंत्र से सृष्टि के पांचों तत्व होते हैं नियंत्रित, जानें मंत्र और स्तोत्र के लाभ
शिव पंचाक्षर स्तोत्र

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

श्रीशिव पंचाक्षर स्तोत्र के पांचों श्लोकों में क्रमशः न, म, शि, वा और य अर्थात् ‘नम: शिवाय' है, अत: यह स्तोत्र शिवस्वरूप का वर्णन करता है। शिव पंचाक्षर स्तोत्र भगवान शिव की स्तुति के लिए लिखा गया है। इसमें भगवान भोलेनाथ के स्वरूप तथा उनके गुणों का बखान किया गया है। इसके साथ ही शिवजी की वंदना की गई है। आप जब भी शिव पूजा करें तो शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।

Happy Birthday: क्या आप भी हैं जुलाई बेबी, इस माह पैदा हुए लोगों में होती है ये खास क्वालिटीHappy Birthday: क्या आप भी हैं जुलाई बेबी, इस माह पैदा हुए लोगों में होती है ये खास क्वालिटी

पढ़ें शिव पंचाक्षर स्तोत्र

पढ़ें शिव पंचाक्षर स्तोत्र

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।।

मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।

मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:।।

शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।

श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:।।

वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय।

चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नम: शिवाय:।।

यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय।

दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नम: शिवाय:।।

पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव सन्निधौ।

शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते।।

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे 'न' काराय नमः शिवायः।।

Most Read: सुपारी के खास उपायों से पलट सकती है किस्मत, जानें कैसे लौटाएं घर की खुशहालीMost Read: सुपारी के खास उपायों से पलट सकती है किस्मत, जानें कैसे लौटाएं घर की खुशहाली

English summary

Amazing Benefits Of Shiv Panchakshar Mantra And Stotra

Shiva Panchakshari Mantra and Shiva Panchakshari Stotra is very effective in impressing Lord Shiva and acquiring his blessings. Read for more details.
Desktop Bottom Promotion