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वज़न कम करने में आयुर्वेद किस प्रकार सहायक है

By Super
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मोटापे के लिए आयुर्वेदिक उपचार शरीर के अंदर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने से प्रारंभ होता है। इस अवधारणा को "आम" कहा जाता है जो वज़न कम करने का आधार है। ये विषाक्त पदार्थ हमारे शरीर में विभिन्न अशुद्धियों के संचय के कारण एकत्र होते हैं तथा ये अशुद्धियाँ आहार संबंधी अस्तव्यस्त आदतों, पर्यावरण प्रदूषण और व्यस्त जीवन शैली के कारण होने वाले तनाव के कारण उत्पन्न होती है। पानी में घुलनशील विषाक्त पदार्थ मल, मूत्र तथा पसीने के रूप में बाहर निकल जाते हैं परंतु दूसरे पदार्थ नहीं निकल पाते। उचित आहार तथा व्यायाम इस प्रकार के विषाक्त पदार्थों को आसानी से बाहर निकाल सकते हैं। हालाँकि समस्या वसा घुलनशील विषाक्त पदार्थों के कारण होती है जो शरीर से आसानी से नहीं निकलते। इन अशुद्धियों के कारण पेट, कूल्हों तथा जाँघों के पास वसा जमा हो जाता है।

आयुर्वेदिक तकनीक शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए मुख्य रूप से "आम" पर ध्यान देती है। यह वसा कोशिकाओं को प्रभावी रूप से सिकोड़ती है। जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे वसा का प्रशमन बढ़ता जाता है। इस तकनीक को नियमित तौर पर अपनाने से यह प्रक्रिया शरीर के विषाक्त पदार्थों और अशुद्धियों को बाहर निकालने के लिए एक आदर्श डिटॉक्स प्रोग्राम की तरह कार्य करती है।

यह एक सामान्य कथन लग सकता है परंतु वजन की समस्याओं से लड़ने की आयुर्वेदिक तकनीक स्वस्थ जीवन शैली से प्रारंभ होती है। इसका अर्थ है कि आपको रात में जल्दी सोना होगा तथा सुबह जल्दी उठना होगा। हमारा शरीर भी एक घड़ी का अनुसरण करता है तथा जब इसमें कुछ व्यवधान उत्पन्न होता है तो यह प्रतिकूल प्रतिक्रिया करता है। एक स्वस्थ जीवन शैली खान पान की आदतों से भी प्रदर्शित होती है। आयुर्वेद के विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मोटापे के मरीजों को मौसम के अनुसार फल तथा सब्जियां खाना चाहिए। पोषक तत्वों से समृद्ध प्राकृतिक आहार पर भी ज़ोर देना चाहिए। जब आप आयुर्वेदिक तकनीक से वज़न कम कर रहे हैं तब आपको प्रिज़र्वेटिव (संरक्षक) मिले हुए तथा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए।

1. अपने दिन की शुरुआत शहद–नीबू पानी से करें

1. अपने दिन की शुरुआत शहद–नीबू पानी से करें

यह एक बहुत अच्छा विषहारी है तथा यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को प्रभावी रूप से बाहर निकालता है।

2. हमेशा ताज़ा पका हुआ खाना खाएं

2. हमेशा ताज़ा पका हुआ खाना खाएं

एक बार में बहुत अधिक खाना खाने के स्थान पर थोड़े थोड़े समय अंतराल में थोड़ा थोड़ा खाएं। यदि आप दिन में तीन बार खाना खाते हैं तो तीव्र और प्रभावी परिणाम के लिए उतने की खाने को छह बार में खाएं। अधिक अच्छे परिणाम के लिए अपने आहार में ताज़े फल तथा हरी सब्ज़ियों को शामिल करें।

3. प्रतिदिन नियत समय पर सोएं

3. प्रतिदिन नियत समय पर सोएं

आपका जीवन कितना भी तनाव भरा क्यों न हो हमेशा कम से कम 8 घंटे सोएं।

4. जंक फूड ना खाएं

4. जंक फूड ना खाएं

प्रोसेस्ड जंक फ़ूड को टालें तथा साबुत अनाज और दालों को चुनें जिनमें फाइबर अधिक मात्रा में होता है।

5. मसालों का प्रयोग करें

5. मसालों का प्रयोग करें

आयुर्वेद जड़ी बूटियों जैसे ताज़ी हल्दी, अदरक, लहसुन, जीरा और काली मिर्च पर ज़ोर डालता है। ये मसाले ख़राब कोलेस्ट्रोल को प्रभावी रूप से दूर करते हैं तथा शरीर की चयापचय शक्ति को बढ़ाते हैं।

6. व्‍यायाम करें

6. व्‍यायाम करें

यदि आप वास्तव में मोटापा कम करना चाहते हैं तो केवल आहार पर निर्भर न रहें। आहार के साथ व्यायाम भी करें। शरीर के वज़न को तीव्रता से तथा सुरक्षित रूप से कम करने के लिए योग एक महत्वपूर्ण पद्धति है।

7. शराब छोड‍िये

7. शराब छोड‍िये

यदि आप शराब पीते हैं तो आपको यह आदत छोड़ने की आवश्यकता नहीं है। आपको केवल इतना करना है कि आप शराब पीने की मात्रा को सीमित रखें। यह बात जीवन के सभी क्षेत्रों में लागू होती है।

English summary

How Does Ayurveda Help In Weight Loss?


 It may sound as a generalized statement, but Ayurvedic techniques for fighting weight problems starts with a healthy lifestyle. It means you need to wake up early in the morning, and go to sleep early at night.
Story first published: Friday, October 25, 2013, 17:19 [IST]
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