पीरियड का दौर हर महिला के लिए बहुत ही कष्टदायक समय होता है और इस दौरान ब्लीडिंग के अलावा वे मानसिक रूप से भी थका हुआ महसूस करती हैं। अधिकतर लड़कियां पीरियड के दौरान निकलने वाले ब्लड पर ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं लेकिन ये बहुत ज़रूरी है कि आप उस पर ध्यान दें।
पीरियड्स के दौरान क्लॉटस क्यों बनते हैं :
वास्तव में जब आपके शरीर में पीरियड वाला ब्लड बाहर निकलने वाला होता है उससे पहले ही शरीर एंटीकागलेंट्स का स्त्राव करने लगता है जिससे ब्लड गाढ़ा हो जाता है और थक्के बनने शुरू हो जाते हैं।
जब भी पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग होने लगती है तो उसी समय क्लोटिंग स्टार्ट हो जाती है जिससे शरीर से ज्यादा रक्त बाहर नहीं निकल पाता है। ज्यादा ब्लड निकलने से महिलाओं में आयरन की कमी हो जाती है। ऐसे में क्लॉटिंग शरीर के लिए फायदेमंद है।
क्या क्लॉटिंग सेहत के लिए खतरनाक है :
आपको बता दें कि सामान्य रूप से पीरियड ब्लीडिंग में क्लॉट बनना सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं है बल्कि यह पूरी तरह सामान्य है। हां अगर किसी मेडिकल इन्फेक्शन या गर्भपात की वजह से हैवी ब्लीडिंग हो रही है तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर के पास जाये। कुछ ख़ास मामलों में ऐसा फ़िब्रोइड के कारण भी हो सकता है। हाल में हुए एक शोध में यह बताया गया कि मध्यम उम्र की लगभग 70% महिलायें फिब्रोइड की समस्या से ग्रसित रहती हैं। कुछ महिलाओं में पीरियड के शुरुवाती पांच सालों में और मेनोपॉज के ठीक एक साल पहले ब्लड क्लॉटिंग की समस्या होती है।
पीरियड्स के दौरान क्लॉटस क्यों बनते हैं :
वास्तव में जब आपके शरीर में पीरियड वाला ब्लड बाहर निकलने वाला होता है उससे पहले ही शरीर एंटीकागलेंट्स का स्त्राव करने लगता है जिससे ब्लड गाढ़ा हो जाता है और थक्के बनने शुरू हो जाते हैं।
जब भी पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग होने लगती है तो उसी समय क्लोटिंग स्टार्ट हो जाती है जिससे शरीर से ज्यादा रक्त बाहर नहीं निकल पाता है। ज्यादा ब्लड निकलने से महिलाओं में आयरन की कमी हो जाती है। ऐसे में क्लॉटिंग शरीर के लिए फायदेमंद है।
क्या क्लॉटिंग सेहत के लिए खतरनाक है :
आपको बता दें कि सामान्य रूप से पीरियड ब्लीडिंग में क्लॉट बनना सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं है बल्कि यह पूरी तरह सामान्य है। हां अगर किसी मेडिकल इन्फेक्शन या गर्भपात की वजह से हैवी ब्लीडिंग हो रही है तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर के पास जाये। कुछ ख़ास मामलों में ऐसा फ़िब्रोइड के कारण भी हो सकता है। हाल में हुए एक शोध में यह बताया गया कि मध्यम उम्र की लगभग 70% महिलायें फिब्रोइड की समस्या से ग्रसित रहती हैं। कुछ महिलाओं में पीरियड के शुरुवाती पांच सालों में और मेनोपॉज के ठीक एक साल पहले ब्लड क्लॉटिंग की समस्या होती है।
कब जायें डॉक्टर के पास :
अगर ब्लड क्लॉटिंग के साथ कोई और लक्षण नहीं नज़र आते हैं तो ऐसे में डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहिए क्योकि यह एक सामान्य घटना है। लेकिन अगर ब्लड क्लॉटिंग के साथ थकान और कमजोरी भी महसूस हो रही है तो ऐसे में एनीमिया होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसके अलावा अगर सिर में दर्द हो तो भी डॉक्टर के पास जाकर अपना चेकअप करवाएं।
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