For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

केरल के मशहूर सबरीमाला मंदिर की 18 सीढ़ियों से जुड़े रहस्य के बारे में कम लोगों को ही है जानकारी

|

केरल में स्थित मशहूर सबरीमाला मंदिर बहु प्रतिष्ठित और प्रचलित मंदिर है जहां प्रतिवर्ष 4 से 5 करोड़ श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर भगवान अय्यप्पन को समर्पित है। इस मंदिर के पवित्र गर्भगृह के दर्शन से पूर्व श्रद्धालुओं को 18 क़दमों की सीढ़ियों को चढ़ना होता है। इन सीढ़ियों की ऊपरी परत पंचलोहम् यानी सोने, चांदी, ताम्बे, लोहे और टिन धातुओं के मिश्रण से बनी हुई है। सबरीमाला मंदिर में भगवान के दर्शन की प्रक्रिया में इन सीढ़ियों को चढ़ना एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।

इन सीढ़ियों पर चढ़ते वक्त पाथीनेट्टम पाड़ी यानि उन 18 कदमों से संबंधित गीत भी गाया जाता है। इन सीढ़ियों के माध्यम से मनुष्य सांसारिक और शारीरिक मोह माया से मुक्ति पाने की राह पाते हैं। श्रद्धालुओं को इन 18 सीढ़ियों पर चढ़ाई की शुरुआत अपने दाएं पैर को पहली सीढ़ी पर रखकर करनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं इन सीढ़ियों के 18 कदम किन प्रतीकों को दर्शाते हैं।

सीढ़ी के पहले पांच कदम मनुष्य की पांच इन्द्रियों के प्रतीक होते है। दर्शन (आंख), श्रवण (कान), सूंघना (नाक), स्वाद (जिह्वा), स्पर्श (त्वचा) मनुष्य की पंचइन्द्रियां होती हैं।

सीढ़ी के पहले पांच कदम मनुष्य की पांच इन्द्रियों के प्रतीक होते है। दर्शन (आंख), श्रवण (कान), सूंघना (नाक), स्वाद (जिह्वा), स्पर्श (त्वचा) मनुष्य की पंचइन्द्रियां होती हैं।

सीढ़ी के पहले पांच कदम मनुष्य की पांच इन्द्रियों के प्रतीक होते है। दर्शन (आंख), श्रवण (कान), सूंघना (नाक), स्वाद (जिह्वा), स्पर्श (त्वचा) मनुष्य की पंचइन्द्रियां होती हैं।

अगले आठ क़दमों को अष्टराग कहा जाता है जो मनुष्य की आठ भावनाओं को दर्शाते हैं। क्रोध, काम, लोभ, मोह, असूया (ईर्ष्या), धूम्भ, मधा (अहंकार) और मल्त्सर्या (गर्व) वो आठ भावनाएं जो इन आठ कदमों पर स्थापित हैं।

अगले आठ क़दमों को अष्टराग कहा जाता है जो मनुष्य की आठ भावनाओं को दर्शाते हैं। क्रोध, काम, लोभ, मोह, असूया (ईर्ष्या), धूम्भ, मधा (अहंकार) और मल्त्सर्या (गर्व) वो आठ भावनाएं जो इन आठ कदमों पर स्थापित हैं।

अगले आठ क़दमों को अष्टराग कहा जाता है जो मनुष्य की आठ भावनाओं को दर्शाते हैं। क्रोध, काम, लोभ, मोह, असूया (ईर्ष्या), धूम्भ, मधा (अहंकार) और मल्त्सर्या (गर्व) वो आठ भावनाएं जो इन आठ कदमों पर स्थापित हैं।

अगली तीन सीढ़ियां मनुष्य के गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं- सत्व यानि अच्छाई, राजस अर्थात् उत्साह एवं तमस यानि निरुत्साह।

अगली तीन सीढ़ियां मनुष्य के गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं- सत्व यानि अच्छाई, राजस अर्थात् उत्साह एवं तमस यानि निरुत्साह।

अगली तीन सीढ़ियां मनुष्य के गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं- सत्व यानि अच्छाई, राजस अर्थात् उत्साह एवं तमस यानि निरुत्साह।

इसके साथ ही अंतिम दो सीढ़ियां विद्या एवं अविद्या (अज्ञानता) को दर्शाती हैं।

इसके साथ ही अंतिम दो सीढ़ियां विद्या एवं अविद्या (अज्ञानता) को दर्शाती हैं।

इसके साथ ही अंतिम दो सीढ़ियां विद्या एवं अविद्या (अज्ञानता) को दर्शाती हैं।

English summary

Spiritual Significance of 18 Sacred Steps of Sabarimala Ayyappa Temple in Hindi

The religious significance of the 18 steps at Sabarimala temple. These signify emotions: Krodh (anger), kama (love), lobh (greed), moh (lust), asooya (jealousy), dhoombh (boastfulness), madha (unhealthy competition) and maltsarya. Know more.
Story first published: Wednesday, January 19, 2022, 15:26 [IST]
Desktop Bottom Promotion