Just In
- 2 hrs ago प्रेगनेंसी के First Trimester में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? कैसी होनी चाहिए हेल्दी डाइट
- 3 hrs ago OMG! भारत के इस गांव में प्रेगनेंट होने आती हैं विदेशी महिलाएं, आखिर यहां के मर्दों में क्या हैं खास बात
- 5 hrs ago Curd Benefits For Skin: रोजाना चेहरे पर दही मलने से पिग्मेंटेशन और मुंहासे की हो जाएगी छुट्टी, खिल उठेगा चेहरा
- 7 hrs ago IPL 2024: कौन हैं क्रिकेटर केशव महाराज की स्टाइलिश वाइफ लेरिशा, इंडिया से हैं स्पेशल कनेक्शन
Don't Miss
- News Bhopal News: बयान देकर दादी चली गई झांसी, पोता और बहू पहुंच गए जेल, आरोपी पति-पत्नी नहीं देते थे खाना
- Travel अप्रैल की गर्मी में सैर करें कश्मीर की ठंडी वादियों में, IRCTC का 'कश्मीर-धरती पर स्वर्ग' पैकेज
- Movies Haryanvi Dance Video: सपना चौधरी ने बिंदास होकर स्टेज पर लगाए ज़ोरदार ठुमके, लाखों लोगों की उमड़ी भीड़
- Finance Haryana News: हरियाणा में रबी फसलों की खरीद की सभी तैयारियां पूरी, 1 अप्रैल से 417 केंद्रों पर होगी खरीद
- Education Job Alert: बैंक ऑफ इंडिया ने निकाली 143 ऑफिसर पदों पर भर्ती 2024, देखें चयन प्रक्रिया
- Technology अप्रैल में OnePlus, Samsung, Motorola समेत इन ब्रांड्स के Smartphones होंगे लॉन्च, जानिए कीमत व स्पेक्स
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
जानिए रमज़ान से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
दुनियाभर में मुस्लिमों की आबादी बहुत ज़्यादा है और मुस्लिम धर्म में रमज़ान के महीने को बहुत पवित्र माना जाता है। रमज़ान का महीना हर मुसलमान के लिए बहुत खास और पवित्र होता है। कहा जाता है कि इस महीने में रोज़ा रखकर मुस्लिम लोग अपनी आत्मा और शरीर का शुद्धिकरण करते हैं।
साल 2018 में रमज़ान का महीना 17 मई से शुरु हो चुका है और ये 16 जून को खत्म होगा। हर क्षेत्र में पूर्णिमा या ईद के चांद के मुताबिक रमज़ान की तारीख अलग-अलग हो सकती है।
रमज़ान के महीने में जिस दिन पूरा चांद दिखाई देता है उसे ईद या ईद-उल-फित्तर कहते हैं। रमज़ान के महीने को दो कारणों से बहुत पवित्र माना जाता है। पहला कारण है कि इस महीने में मुस्लिम पैगंबर मुहम्मद ने अपने शिष्यों को उपदेश दिया था और दूसरा कारण ये है कि ऐसा माना जाता है कि इस महीने में ही पवित्र कुरान लिखी गई थी।
आज हम आपको इस पवित्र रमज़ान के महीने के बारे में और भी कुछ दिलचस्प और अनसुनी बातें बताने जा रहे हैं।
चंद्र कैलेंडर के नौवें महीने में होता है रमज़ान
मुस्लिम धर्म में चंद्र पंचाग का अनुसरण किया जाता है और इस पंचांग के अनुसार नौवें महीने में रमज़ान मनाया जाता है। हम सभी ग्रेगोरियन कैलेंडर का अनुसरण करते हैं और इसलिए प्रत्येक साल में रमज़ान महीने 10 या 11 दिन आगे मनाया जाता है।
इस्लाम के पांच स्तंभ में से एक है रोज़ा
अपने जीवनकाल में मुस्लिमों को पांच चीज़ें ज़रूर करनी होती हैं और इन्हें इस्लाम के पांच स्तंभ कहा गया है। रोज़ा रखना भी इन पांच स्तंभों में से एक है। अन्य चार स्तंभों में दान, प्रार्थना, आस्था और जीवन में एक बार मक्का की यात्रा शामिल है।
रमादान शब्द का मतलब
रमज़ान को रमादान के नाम से भी जाना जाता है। रमादान शब्द का अर्थ है शुष्क मौसम और तपतपाती हुई गर्मी। गर्मी के मौसम में रमज़ान का महीना आता है और इसीलिए इसे रमादान भी कहा गया है।
रमज़ान के नियम
हर मुस्लिम को रोज़ा रखना ज़रूरी होता है। बच्चे या कम उम्र की लड़कियां, गर्भावस्था या माहवारी के कारण महिलाएं रोज़ा नहीं रखती हैं। इसके अलावा अधिक उम्र के बुजुर्ग भी रोज़ा छोड़ सकते हैं। रमज़ान के महीने में किसी की बुराई, अभद्र भाषा का इस्तेमाल या झगड़ा नहीं करना चाहिए। इस पवित्र महीने में धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करने चाहिए। इस पवित्र महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग दान और सामाजिक कार्य करते हैं।
हिलाल देखना
माना जाता है कि रमज़ान का महीना शुरु होने से पहले अर्धचंद्र दिखाई देता है और पूर्णिमा का चांद दिखने के एक दिन बाद रमज़ान का महीना शुरु होता है। इस महीने में चांद का आकार घटता रहता है और अर्धचंद्र होने पर ईद मनाई जाती है। इस अर्धचंद्र को हिलाल कहते हैं और मुस्लिमों में इसे बहुत पवित्र माना गया है।
कुछ देशों में रोज़ा ना रखना है अपराध
कुछ मुस्लिम देशों में सार्वजनिक जगहों पर नाश्ता करना अपराध माना गया है। जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें दंड और जुर्माना भरना पड़ता है। गुनाह के आधार पर ही सज़ा निर्धारित की जाती है। इसमें मुस्लिम समुदाय की सेवा से जेल की सजा तक मिल सकती है।