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कमज़ोर इम्युनिटी वाले बच्चों में रास्योला हो सकता है खतरनाक

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बच्चे बहुत नाज़ुक और संवेदनशील होते हैं चूंकि उनकी इम्युनिटी पूरी तरह से विकसित नहीं होती इसलिए उन्हें हमेशा किसी ना किसी तरह के इंफेक्शन का खतरा रहता है।

इनमें से कुछ इंफेक्शन ऐसे हैं जो लगातार बच्चों को अपनी चपेट में ले रहे हैं। इन्हीं में से एक है रास्योला। हालांकि यह बहुत ही आम इंफेक्शन है और आसानी से इसका इलाज संभव है फिर भी इससे जुड़ी कुछ जानकारियां हम आपको देना चाहेंगे। तो आइए जानते हैं इस संक्रमण के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।

क्या है रास्योला?

क्या है रास्योला?

रास्योला यानी लाल खसरा छोटे बच्चों में होने वाला एक आम वायरल संक्रमण है। रास्योला आमतौर पर हर्पिस वायरस से होने वाला एक हल्‍का इन्फेक्शन है। इसका होना आम बात है इसलिए ज़्यादातर बच्चे इसकी चपेट में आ जाते हैं। आमतौर पर यह दो साल तक की उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। इस इंफेक्शन में बच्चे को तेज़ बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते निकल आते हैं।

रास्योला के कारण

रास्योला के कारण

आमतौर पर रास्योला ह्यूमन हर्पीस वायरस 6 और ह्यूमन हर्पीस वायरस 8 के कारण होता है। यह वायरस बच्चे के शरीर में रह जाता है जिसके कारण इस इंफेक्शन के लक्षण दो से तीन हफ्ते तक दिखाई नहीं देते। ऐसे में बच्चे को तेज़ बुखार हो जाता है जो कम से कम दो से तीन दिन तक रहता है। बुखार उतरने या कम होने के बाद बच्चे के कंधे, बांह, छाती और धड़ के आस पास गुलाबी रंग के दाने या चकत्ते उभरने लगते हैं। दूसरे अन्य वायरस की तरह रास्योला भी संक्रामक होता है जो आसानी से एक से दूसरे बच्चे तक फ़ैल जाता है।

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बच्चों को रास्योला कैसे हो जाता है?

बच्चों को रास्योला कैसे हो जाता है?

ह्यूमन हर्पीस वायरस जिसके कारण रास्योला होता है वह आसानी से एक से दूसरे बच्चे तक फ़ैल जाता है। इसलिए अगर आपका बच्चा भी इस इन्फेक्शन से पीड़ित है तो संभावना है यह इन्फेक्शन किसी अन्य रास्योला पीड़ित बच्चे से हुआ है।

रास्योला के लक्षण

रास्योला के लक्षण

आमतौर पर रास्योला के संकेत या लक्षण एक या दो हफ्ते तक दिखाई नहीं पड़ते जिसके बाद बच्चे को तेज़ बुखार हो जाता है जो तीन से चार दिन तक रह सकता है। जैसे ही बच्चे का बुखार कम होता है इसके कुछ और लक्षण दिखने लगते हैं जैसे धड़ और कंधो पर चकत्ते। कुछ बच्चों में निम्न लक्षण भी नज़र आते हैं।

1. गले में खराश

2. खांसी

3. भूख में कमी

4. सूजी हुई पलकें

5. चिड़चिड़ापन

6. हल्के डायरिया की शिकायत

इन सभी लक्षणों के अलावा चकत्ते या दाने रास्योला का सबसे आम लक्षण हैं। रास्योला में गुलाबी रंग के ये दाने बहुत ही हल्के होते हैं जिसमें खुजली बिल्कुल नहीं होती। ये बच्चे के लिए नुकसानदायक नहीं होते हैं इसलिए इसे अपने आप ही ठीक होने दें। ये 4 से 5 दिन में अपने आप ही गायब हो जाते हैं।

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रास्योला का उपचार क्या है?

रास्योला का उपचार क्या है?

रास्योला एक हल्का स्किन इंफेक्शन है इसलिए इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है लेकिन अपने बच्चे को इस इंफेक्शन से बचाने के लिए आपको उसका ख़ास ध्यान रखना होगा क्योंकि यह आसानी से फैलता है।

वहीं दूसरी ओर आपके डॉक्टर बच्चे को हाइड्रेटेड रखने के लिए उसे अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन कराने की सलाह दे सकते हैं या फिर दर्द को कम करने के लिए कुछ दवाइयां भी दे सकते हैं। कुछ मामलों में एंटीवायरल दवा भी डॉक्टर्स बच्चों को देते हैं, खासतौर पर कमज़ोर इम्युनिटी वाले बच्चों को ताकि दोबारा उन्हें इस तरह के रोग ना हो। इसके अलावा पर्याप्त आराम भी बच्चे को जल्द ठीक करने का अच्छा तरीका है।

रास्योला से होने वाले जोखिम

रास्योला से होने वाले जोखिम

रास्योला में सिर्फ एक ही जोखिम होता है और वो है तेज़ बुखार जो बच्चे को इंफेक्शन के दौरान हो जाता है।

यह तेज़ बुखार दौरे का कारण बन सकता है जिसमें बच्चे का हाथ और पैर अनैच्छिक रूप से झटके लेने लगता है और बच्चा अपने मूत्राशय और आंतों पर से नियंत्रण खो बैठता है।

हालांकि कुछ बच्चों में यह दौरे बहुत छोटे समय के लिए आते हैं जो बिल्कुल भी हानिकारक नहीं होते फिर भी स्थिति और ना बिगड़े इसके लिए हमें उचित सावधानी बरतनी चाहिए। अविकसित या कमज़ोर इम्युनिटी वाले बच्चों में हल्का रास्योला भी गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है जैसे निमोनिया, इन्सेफेलाइटिस जो जानलेवा होते हैं, पर ऐसा बहुत ही कम मामलों में होता है।

यदि रास्योला के कारण निकले हुए दाने कुछ दिनों में ठीक नहीं होते तो बेहतर यही होगा कि आप अपने डॉक्टर से सलाह लें क्योंकि इस तरह के दाने किसी अन्य स्किन इंफेक्शन के कारण भी हो सकते हैं।

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अपने बच्चे को रास्योला से कैसे बचाएं?

अपने बच्चे को रास्योला से कैसे बचाएं?

रास्योला से बचने के लिए कोई टीका नहीं है। आप बस इतना कर सकते हैं कि अपने बच्चे को उन बच्चों से दूर रखें जो इससे पीड़ित हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर आपके बच्चे को यह इंफेक्शन हुआ है तो वह घर पर ही रहे। बुखार उतर जाने पर वो सामान्य रूप से अपने काम पहले की तरह कर सकता है।

दाने और चकत्ते अपने आप ही बिना निशान छोड़े खुद ही गायब हो जाते हैं।

English summary

Everything you need to know about Roseola In Babies

Roseola is a mild infection which is caused by the human herpes virus and is so common that most of the kids going to kindergarten are also affected by this infection. Read to know more on what are the treatment options available for the same.
Story first published: Thursday, November 8, 2018, 10:29 [IST]
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