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ब्रेस्‍टफीडिंग के बाद ब्रेस्‍ट को शेप में लाने के 5 तरीके

By Super
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गर्भावस्‍था के दौरान, शरीर में कई परिवर्तन होते हैं। प्रसव के बाद शरीर के इन्‍ही हिस्‍सों में और ज्‍यादा परिवर्तन आ जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में सबसे ज्‍यादा प्रभावित हिस्‍से, योनि और स्‍तन होते हैं। पूरी प्रजनन प्रक्रिया में स्‍तनों में काफी दर्द होता है, उनमें काफी परिवर्तन आ जाते है और उनका आकार भी सामान्‍य से बढ़ जाता है, ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि शरीर, स्‍तनों को तैयार कर देते हैं कि बच्‍चा उनसे स्‍तनपान कर सकें।

स्तनपान करवाने से होते हैं ये स्‍वास्‍थ्‍य लाभ

कई महिलाओं को ब्रेस्‍टफीडिंग के बाद ब्रेस्‍ट के आकार को लेकर काफी समस्‍याएं होती हैं। जबकि कई महिलाएं इस बात को लेकर बिल्‍कुल परेशान नहीं होती हैं। वैसे, स्‍तनों को वापस उसी आकार में लाने के कई तरीके हैं जो कि निम्‍न हैं:

 1. सही खुराक लें:

1. सही खुराक लें:

शरीर में उचित मात्रा में पोषक तत्‍व पहुंचने पर शरीर में अपने आप कसाव आ जाता है। लेकिन कई महिलाएं प्रसव होने के बाद अचानक से ढीली पड़ जाती हैं और अपने खाने-पीने पर ध्‍यान नहीं देती हैं। ऐसा करने से बदन में कसाव नहीं आता, कमजोरी आ जाती है और स्‍ट्रेच मार्क भी ज्‍यादा पड़ते है। सही खुराक लेने से स्‍तनों पर भी स्‍ट्रेच मार्क नहीं पड़ते है। प्रतिदिन अंडे का सेवन करें, हरी सब्जियां खाएं और सूप पिएं।

2.अपने बच्‍चे का स्‍तनपान सही उम्र में छुटवा दें

2.अपने बच्‍चे का स्‍तनपान सही उम्र में छुटवा दें

इससे बच्‍चे की आदत गंदी नहीं होगी और न ही आपके स्‍तनों का आकार खराब होगा। बच्‍चे के अधिक समय तक स्‍तनपान करने से मां और बच्‍चे, दोनों को समस्‍या होती है। बच्‍चे के आठ महीने होते ही उसे स्‍तनपान कराना कम कर दें, क्‍योंकि तब तक उसे दाल का पानी दिया जाने लगता है और वह अन्‍य चीजें भी खाना शुरू कर देता है। हालांकि, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन राय देता है कि बच्‍चे को दो साल तक स्‍तनपान करवाना चाहिए। परन्‍तु आप कम से कम 6 महीने अवश्‍य करवाएं।

3.फीडिंग के दौरान ब्रेस्‍ट पकड़ें:

3.फीडिंग के दौरान ब्रेस्‍ट पकड़ें:

जब भी बच्‍चे को स्‍तनपान करवाएं, अपने स्‍तनों को सपोर्ट दें, इससे उनमें ढीलापन नहीं आएगा और कसाव वापस आने में दिक्‍कत नहीं होगी। अपनी एक बांह से बच्‍चे को सपोर्ट दें और दूसरे हाथ को ब्रेस्‍ट में नीचे लगाएं, इससे बच्‍चा, अच्‍छी तरह दूध पी लेगा और आपको भी शारीरिक रूप से कम समस्‍या होगी।

4. मास्‍टोपेक्‍सी या ब्रेस्‍ट लिफ्ट:

4. मास्‍टोपेक्‍सी या ब्रेस्‍ट लिफ्ट:

जिन महिलाओं की स्‍तन की त्‍वचा एक दम से लटक जाती है और बेजान सी हो जाती है उनके लिए ब्रेस्‍ट सर्जरी एक अच्‍छा उपाय है। इस सर्जरी में ब्रेस्‍ट के एक्‍ट्रा टिश्‍यू को काटकर निकाल दिया जाता है और मेडीशन देकर उन्‍हे सही कर दिया जाता है, यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित है। इस सर्जरी से निप्‍पल का आकार भी छोटा किया जा सकता है।

5. ब्रेस्‍ट इम्‍प्‍लांट:

5. ब्रेस्‍ट इम्‍प्‍लांट:

कुछ मामलों में महिलाओं के स्‍तनों में सिकुड़न आ जाती है और इसे सियुडोप्‍टोसिस कहा जाता है, जिसमें स्‍तनों में मुर्झायापन सा आ जाता है। ऐसी स्थिति में ब्रेस्‍ट इम्‍प्‍लांट सर्जरी की जाती है जो पूरी तरह सुरक्षित होती है।

 6. लाइपो-फिलिंग:

6. लाइपो-फिलिंग:

इस सर्जरी में स्‍तनों में एक प्रकार का इंजेक्‍शन देकर स्‍तनों के फैट टिश्‍यू को हटा दिया जाता है। इससे स्‍तनों में वापस वही कसाव आ जाता है।

 ब्रेस्‍ट सर्जरी की सीमाएं:

ब्रेस्‍ट सर्जरी की सीमाएं:

  1. आपके स्‍तन वापस पहले के आकार में नहीं आ सकते।
  2. सर्जरी के बाद स्‍तनपान नहीं करवाना होता है।
  3. बच्‍चे होने के बाद ही कॉस्‍मेटिक सर्जरी करवाएं।


English summary

ways to get your breasts in shape after breastfeeding

Often breastfeeding mothers complain about saggy and droopy breasts post-nursing. While most mothers are optimistic about breastfeeding, they have to deal with unpleasant body changes lifelong.
Story first published: Thursday, January 22, 2015, 10:45 [IST]
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