Just In
- 17 min ago Mukesh Ambani Quotes On Success: हर युवा को प्रेरित करते हैं मुकेश अंबानी के ये विचार
- 47 min ago Happy Birthday Mukesh Ambani: बुलंदियों पर पहुंचकर भी जड़ों को न भूलने वाले मुकेश अंबानी को दें जन्मदिन की बधाई
- 1 hr ago Kamada Ekadashi 2024 Wishes: श्रीहरि विष्णु की कृपा के साथ प्रियजनों को भेजें कामदा एकादशी की शुभकामनाएं
- 9 hrs ago जहरीले अंगूर खाने से बिगड़ सकती हैं तबीयत, एक्सपर्ट ने बताया खाने से पहले कैसे करें साफ
Don't Miss
- News Weather Update: हल्की बारिश से आज मिल सकती है राहत
- Education Jharkhand Board 10th Result 2024: कल आयेगा झारखंड बोर्ड 10वीं का परिणाम, कैसे चेक करें JAC Matric Result
- Movies VIDEO: भगवान कृष्ण के सामने सीमा ने की अश्लीलता, वीडियो देख भड़के लोग बोले- कौन से कोठे पर...
- Finance Quarter 4 Result: Bajaj और Infosys ने जारी किया चौथे क्वार्टर का रिजल्ट, दोनों को मिला है बंपर मुनाफा
- Technology डॉक्सिंग क्या होती है, क्या इसके लिए जेल जाना पड़ सकता है?
- Travel बोरिंग जिंदगी से चाहिए ब्रेक तो घूम आएं ये 6 बटरफ्लाई पार्क, जहां फूलों में रंग भरती हैं तितलियां
- Automobiles टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
एंटीबायोटिक्स से होने वाले रिएक्शंस को दूर करने के 9 उपाय
कभी कभी ऐसा समय आता है जब आपको एंटीबायोटिक्स का सेवन करना आवश्यक हो जाता है। जहाँ ये आपकी बीमारी ठीक करते हैं वहीं इनके कारण आपको कई साइड इफेक्ट्स जैसे पेट फूलना, डकार, गैस, कब्ज़ और डायरिया आदि भी हो सकते हैं।
जैसा कि नाम से ही पता चलता है एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया को मारते हैं। दुर्भाग्य से ये अच्छे बैक्टीरिया को भी मार देते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
आपकी आँतों में एक या दो किलो अच्छे बैक्टीरिया और यीस्ट होता है। अच्छे बैक्टीरिया न केवल पाचन में सहायक होते हैं बल्कि बी विटामिनों के निर्माण में भी सहायता करते हैं।
केवल यही नहीं ये सर्वव्यापी यीस्ट को पलट कर मुकाबला करने को बाध्य करते हैं तथा इस प्रकार संक्रमण से लड़ने में सहायक होते हैं। एंटीबायोटिक्स लेने के परिणामस्वरुप यीस्ट अधिक मात्रा में बढ़ने लगते हैं जिसके कारण डिसबायोसिस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इससे आपका प्रतिरक्षा तंत्र कमज़ोर हो जाता है।
यहाँ
कुछ
आसान
उपाय
बताए
गए
हैं
जिनकी
सहायता
से
आप
इस
स्थिति
से
निपट
सकते
हैं।
धूम्रपान और शराब का सेवन करना छोड़ दें
सभी सोडा युक्त पदार्थ छोड़ दें। चॉकलेट, मीठे पदार्थ और स्टार्च युक्त पदार्थ न खाएं। इसके अलावा सभी दुग्ध उत्पाद, वसा युक्त और मसालेदार पदार्थ, चाय और कॉफ़ी आदि का सेवन भी न करें। पानी अधिक पीयें।
संतरे
का
रस
न
पीयें
संतरे
से
विटामिन
सी
मिलता
है।
इसका
रस
पीने
से
शरीर
में
शुगर
(चीनी)
की
मात्रा
बढ़ती
है
जिसके
कारण
आपकी
स्थिति
अधिक
ख़राब
हो
सकती
है।
प्रोबायोटिक्स
लेना
प्रारंभ
करे
जब
भी
आप
एंटीबायोटिक्स
ले
रहें
हो
तब
दही
के
रूप
में
नियमित
तौर
पर
प्रोबायोटिक्स
लेना
प्रारंभ
करें।
एंटीबायोटिक्स
का
सेवन
पूर्ण
होने
के
बाद
भी
कई
महीनों
तक
प्रोबायोटिक्स
लेते
रहें।
सही
भोजन
करें
हल्का
तथा
आसानी
से
पचने
वाला
खाना
खाएं
क्योंकि
एंटीबायोटिक्स
लेने
के
कुछ
महीनों
बाद
तक
भी
आपकी
पाचन
प्रक्रिया
में
थोड़ी
गड़बड़ी
रहती
है।
पुदीने
की
पत्तियां
एक
गिलास
पानी
में
पांच
पुदीने
की
पत्तियां,
आधा
इंच
अदरक
और
लगभग
आधा
छोटा
चम्मच
अजवाइन
मिलाकर
तब
तक
उबालें
जब
तक
पानी
आधा
न
रह
जाए।
दिन
में
तीन
बार
आधा
आधा
गिलास
पीयें।
व्यायाम
हल्का
फुल्का
व्यायाम
भी
उतना
ही
महत्वपूर्ण
है।
बस
नियमित
तौर
पर
इसे
करें।
लहसुन
लहसुन
भी
एक
चमत्कारी
औषधि
है
जो
रसोईघर
में
उपलब्ध
होती
है।
इसमें
उपस्थित
अलिसिन
शरीर
से
एंटीबायोटिक्स
को
बाहर
निकालता
है।
विटामिन्स
विटामिन
ए,
सी,
ई,
जिंक
और
सेलेनियम
भी
बहुत
सहायक
हैं।
एलोवीरा
का
रस
आँतों
की
परत
की
रक्षा
करता
है।
कब्ज़
न
होने
दें
सत
ईसबगोल
और
अलसी
के
बीज
न
केवल
मल
त्याग
में
सहायक
होते
हैं
बल्कि
अतिरिक्त
मात्रा
में
पानी
को
अवशोषित
करके
डायरिया
से
भी
राहत
दिलाता
है।