Just In
- 2 hrs ago बचे हुए कॉफी ग्राउंड को ना समझें बेकार, क्लीनिंग एजेंट के रूप कुछ यूं करें इस्तेमाल
- 3 hrs ago Guru Shukra Yuti 2024: 12 साल बाद गुरु शुक्र का होगा मिलन, इन 3 राशियों पर मेहरबान होंगी देवी लक्ष्मी
- 5 hrs ago Aaj Ka Rashifal 18th April: इन 5 राशि वालों को मिलेगा आज भाग्य का साथ, सुख समृद्धि में होगी वृद्धि
- 11 hrs ago मनोज तिवारी Vs कन्हैया कुमार: कौन हैं कितना अमीर? दोनों की संपति डिटेल जानिए
Don't Miss
- News छत्तीसगढ़ में बीजेपी को चुनाव पूर्व मिली बड़ी सफलता, 2 लाख 80 हजार कर्मचारियों ने दिया समर्थन
- Finance Bangalore के लोगो को तपती हुई धूप से कब मिलेगी राहत, तेज गर्मी से हैं परेशान
- Technology Paytm में होगा बड़ा बदलाव, यूजर्स को चुननी होगी नई UPI ID
- Movies 'आजकल के बच्चे बहुत..' ऐश्वर्या राय बच्चन की बेटी आराध्या को लेकर ये क्या बोल गईं नव्या नवेली नंदा?
- Automobiles मामूली सुरक्षा के बावजूद, बिक्री में टॉप है Maruti Suzuki की ये कारें, आपको कौन सी है पसंद?
- Education KVS Admission 2024: केवी संगठन ने अनंतिम प्रवेश सूची जारी की; यहां देखें डायरेक्ट लिंक
- Travel सऊदी अरब ने बदला उमराह Visa Rule, अब 90 दिनों तक वीजा रहेगा वैध, Details
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
अपरा एकादशी: इस दिन मिलता है भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद, जरूर पढ़ें व्रत कथा
हिंदू धर्म मानने वाले लोगों के लिए एकादशी का दिन बहुत खास होता है। अपरा एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है। अपरा एकादशी के दिन व्रत रखकर लोग भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाते हैं। साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। ऐसी मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से जाने अनजाने में किए पापों से मुक्ति मिल जाती है। अपरा एकादशी का दिन अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल अपरा एकादशी का व्रत 18 मई को रखा जाएगा।
अपरा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि का आरंभ: 17 मई 2020 को 12:44 बजे
एकादशी तिथि का समापन: 18 मई 2020 को 15:08 बजे
अपरा एकादशी पारण समय: 19 मई 2020 को सुबह 05:27:52 से 08:11:49 बजे तक
कुल अवधि: 2 घंटे 43 मिनट
अपरा एकादशी दिन व्रती बरते ये सावधानियां
अपरा एकादशी के दिन विशेष रूप से व्रत करने वाले जातक को देर तक नहीं सोना चाहिए।
इस दिन घर पर तामसिक भोजन (मांसाहार) न पकाएं और न ही सेवन करें।
अपने भोजन में लहसुन, प्याज का इस्तेमाल न करें।
एकादशी के दिन घर में चावल न बनाएं। आप द्वादशी के दिन चावल ग्रहण कर सकते हैं।
जरूर जानें अपरा एकादशी की व्रत कथा-
अपरा एकादशी की व्रत कथा के अनुसार महीध्वज नाम के एक धर्मात्मा राजा थे। राजा के छोटे भाई का नाम वज्रध्वज था और वो अपने ज्येष्ठ भाई से ईर्ष्या करता था। वज्रध्वज ने एक दिन मौका पाकर राजा की हत्या कर दी। इतना ही नहीं, उसने जंगल में एक पीपल के नीचे शव को गाड़ दिया। असमय मृत्यु होने की वजह से राजा की आत्मा प्रेत बनकर उस पीपल के पेड़ पर ही रहने लगी। राजा की आत्मा उस रास्ते से गुजरने वाले लोगों को परेशान करती थी। एक दिन एक ऋषि उसी मार्ग से गुजरे और उन्होंने अपने तपोबल से उनके प्रेत बनने का कारण जान लिया।
उन ऋषि ने राजा की प्रेत आत्मा को पीपल के पेड़ से नीचे उतारा और उन्हें परलोक विद्या का उपदेश दिया। ऋषि ने स्वयं अपरा एकादशी का व्रत रखा ताकि राजा को प्रेत योनि से मुक्ति मिल सके। द्वादशी के दिन व्रत पूरा हुआ और एकादशी व्रत का पुण्य ऋषि ने राजा के प्रेत को दे दिया। इस तरह राजा को मुक्ति मिली और वो स्वर्ग की यात्रा के लिए निकल पड़े।