Just In
- 8 hrs ago First Date Tips: पहली ही डेट में पार्टनर को करना है इम्प्रेस तो ध्यान रखें ये जरूरी बात
- 9 hrs ago हीरामंडी की प्रीमियर पर सितारों सा झिलमिल वाइट शरारा सेट पहन पहुंची आलिया भट्ट, लाखों में हैं कीमत
- 11 hrs ago Real Vs Fake Shampoo : आपका शैंपू असली है या नकली, इन ट्रिक्स से पता करें अंतर
- 12 hrs ago Eggs Freeze कराएंगी मृणाल ठाकुर, कौन और कब करवा सकता है एग फ्रीज जानें यहां
Don't Miss
- News Betul News: सड़क किनारे हुए हादसे में बचाव कार्य कर रहे 9 लोगों को कार ने कुचला, 2 की मौत
- Movies GQ Awards में हीरोइनों के सिर चढ़कर बोला ग्लैमर, शाहिद कपूर की बीवी ने बोल्डनेस में छुड़ा दिए सबके छक्के
- Education IIT JEE Advanced 2024: जईई एडवांस के लिए 27 अप्रैल से होंगे आवेदन शुरू, देखें परीक्षा तिथि फीस व अन्य डिटेल्स
- Technology इस दिन होने जा रहा Apple का स्पेशल इवेंट, नए iPad के साथ इन प्रोडक्ट्स की हो सकती है एंट्री
- Finance Bengaluru Lok Sabha Election 2024: फ्री Rapido,बीयर.! वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए वोटर्स को दिए जा रहे ऑफर्स
- Travel 5 दिनों तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा शिमला का 'द रिट्रीट', क्या है यह और क्यों रहेगा बंद?
- Automobiles करोड़ों की संपत्ति का मालिक, लग्जरी कारों का कलेक्शन, फिर भी Maruti की इस कार में चलते दिखे Rohit Sharma
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
किचन में रखी ये चीज़ें नहीं है किसी पेनकिलर से कम
चाहे कोई भी बीमारी हो, तुरंत आराम पाने के लिए हम दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल करते ही हैं। दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल करते समय हम ये बात भूल जाते हैं कि इनका सेहत पर कितना बुरा असर पड़ता है। बेहतर होगा कि आप दवाओं की जगह प्राकृतिक चीज़ों से अपना दर्द दूर करें।
पेन किलर्स का लंबे समय तक हानिकारक असर दिखाई पड़ता है। ये आपके लिवर, किडनी और आंत को नुकसान पहुंचा सकती है। नॉन स्टेरोइडल एंटी इंफ्लामेंट्री दवाएं दिमाग और लिवर को नुकसान पहुंचाती हैं और अपच, चक्कर आना, थकान महसूस होना, डिप्रेशन, खुजली और पसीने आने का कारण बनती हैं। ये इम्यून सिस्टम को कमज़ोर बनाती हैं।
स्टोर
में
मिलने
वाले
पेन
किलर्स
की
बजाय
आपको
अपनी
रसोई
में
मौजूद
प्राकृतिक
चीज़ों
का
इस्तेमाल
करना
चाहिए।
ये
प्राकृतिक
दर्द
निवारक
दवाएं
कम
और
ज़्यादा
दोनों
ही
तरह
के
दर्द
को
कम
करने
में
मदद
करती
हैं।
तो
चलिए
जानते
हैं
इन
दर्द
निवारक
प्राकृतिक
दवाओं
के
बारे
में...
हल्दी
सदियों से कई तरह की बीमारियों में हल्दी का प्रयोग किया जाता रहा है। ये मांसपेशियों में घातक दर्द से लेकर कमर दर्द तक को दूर करने में सक्षम है। हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो ये सब कर पाने में कारगर माना जाता है।
हल्दी को इसके एंटी इंफ्लामेट्री यौगिकों के कारण भी जाना जाता है जोकि मस्कुलर और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाकर सूजन को भी कम करने में मदद करता है। इसके अलावा हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी कार्सिनोजेनिक यौगिक होते हैं जोकि सेहत को फायदा पहुंचाते हैं। हल्दी की चाय या दूध में हल्दी मिलाकर आप इसे ले सकते हैं।
अदरक
अदरक में एंटी इंफ्लामेट्री यौगिक होते हैं जोकि मांसपेशियों में सूजन, पेट दर्द, छाती, अर्थराइटिस और माहवारी की पीड़ा से राहत दिलाने में मदद करते हैं। ये ऊपरी श्वसन पथ संक्रमण का इलाज करने में बेहतरीन सिद्ध होती हैं और खांसी, ज़ुकाम, गले की खराश और ब्रोंकाइटिस का भी इलाज करती है।
स्टडी की मानें तो अदरक की चाय से माइग्रेन से तुरंत आराम मिलता है और अदरक को चबाने से गैस की समस्या भी ठीक हो जाती है। मांसपेशियों के दर्द और सूजन में अदरक की सिकाई करें।
टार्ट चैरी
आपने कभी सोचा भी नहीं होगा कि टार्ट चैरी पेनकिलर का काम करती है। चैरी में एंटीऑक्सीडेंट युक्त यौगिक एंथोसियानिन होते हैं जोकि दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं। एंथोसियानिन इंफ्लामेट्री यौगिकों को दबा देती है।
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार लाल रंग की टार्ट चैरी एस्पिरिन के मुकाबले ज़्यादा जल्दी दर्द से राहत दिलाती है। मु्ट्ठीभर चैरी खाएं।
लौंग
लौंग में एंटी इंफ्लामेट्री, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल यौगिक होते हैं जोकि दांत के दर्द और मुंह के संक्रमण से राहत दिलाने में कारगर होते हैं। लौंग में इउगेनोल नामक सक्रिय यौगिक होता है जोकि नैचुरल पेन किलर का काम करता है।
ये प्राकृतिक पेनकिलर जी मितली, सर्दी, सिरदर्द और अर्थराइटिक सूजन से राहत दिलाता है। अगर आपके दांत में दर्द है तो 1 लौंग पीसकर उसमें ऑलिव ऑयल डालकर दांतों पर लगाएं। मुंह की बदबू से बचने और दांतों के दर्द से राहत पाने के लिए लौंग को चबा भी सकते हैं।
एप्पल सिडर विनेगर
एप्पल सिडर विनेगर में पोटाशियम होता है जोकि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाने के लिए ज़रूरी होता है। पोटाशियम जोड़ों में कैल्शियम को जमने से भी रोकता है जोकि जोड़ों के दर्द की गंभीरता को कम कर देता है। मसल क्रैंप से बचने के लिए एक चम्मच एप्पल सिडर विनेगर को एक गिलास गर्म पानी में डालकर दिन में एक बार पी लें।
रात में पैरों में क्रैंप से बचने के लिए एक चम्मच एप्पल सिडर विनेगर में शहद को एक गिलास गर्म पानी में डालकर रात को सोने से 30 मिनट पहले पी लें। अगर आप हार्ट बर्न से पीडित हैं तो एक गिलास पानी में एप्पल सिडर विनेगर मिलाकर पीएं।
लहसुन
लहसुन एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुणों से युक्त होती है जोकि कान के संक्रमण, आंत परजीवी और अर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाती है। लहसुन सबसे ज़्यादा कच्चा खाने पर फायदा पहुंचाता है।
दांत में दर्द होने पर लहसुन को पीसकर उसमें एक चुटकी नमक डालकर दांत पर लगाएं। मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होने पर गर्म लहसुन का तेल लगाएं और मालिश करें।
कॉफी
कॉफी में कैफीन होता है जोकि सिरदर्द, मासंपेशियों में दर्द और दर्द की सनसनाहट से राहत दिलाता है। कैफीन दर्द निवारक दवाओं से भी तेज़ी से काम करती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि एक कप कॉफी से कुछ ही मिनटों में शरीर के दर्द से राहत मिल सकती है।
सेंधा नमक
सेंधा नमक में थेरेपी वाले गुण होते हैं जोकि दर्द को कम करने में मदद करते हैं। अगर आप सेंधा नमक मिले पानी से स्नान करेंगे तो ये आपकी त्वचा के ज़रिए शरीर में जाकर मांसपेशियों को राहत देगा और जोड़ों के दर्द को भी ठीक करेगा।
योगर्ट
एक कटोरी प्लेन योगर्ट प्राकृतिक पेनकिलर का काम करती है। योगर्ट में हैल्दी बैक्टीरिया होता है जोकि अपच और पेट के दर्द से राहत दिलाने में मददगार साबित होती है। ये डेयरी प्रॉडक्ट हैल्दी प्रोबायोटिक्स से युक्त होता है जोकि पाचन तंत्र की उचित क्रिया के लिए ज़रूरी होते हैं।
जी मितली, उल्टी, सूजन या दर्द से राहत पाने के लिए एक कटोरी प्लेन योगर्ट का सेवन करें।
पुदीना
पुदीने में थेरेपी वाले यौगिक होते हैं जोकि मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाते हैं। ये सिरदर्द, दांतों के दर्द और नसों में दर्द को भी दूर करता है। पुदीना मांसपेशियों को और नसों को क्रैंप से राहत दिलाता है। अपच और मानसिक शांति के लिए पुदीने की कुछ पत्तियों को चबाएं।
लाल अंगूर
लाल
अंगूरों
में
रेसवेराट्रोल
नामक
यौगिक
होता
है
जोकि
अंगूरों
को
लांल
रंग
देता
है
और
ये
एंटी
इंफ्लामेंट्री
फायदों
के
लिए
जाना
जाता
है।
रेसवेराट्रोल
कार्टिलेज
की
सेहत
को
दुरुस्त
रखता
है
और
जोड़ों
और
कमर
के
दर्द
को
दूर
करता
है।
दर्द
से
राहत
पाने
के
लिए
मुट्ठीभर
अंगूर
खाना
फायदेमंद
रहता
है।
ऑलिव ऑयल
ऑलिव ऑयल में एंटी इंफ्लामेट्री गुण होते हैं। ये अओलिओसंथन नामक प्राकृतिक यौगिक से युक्त होता है जोकि अर्थराइटिस से संबंधित सूजन को दूर करता है। एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल में इबुप्रोफेन होता है जोकि दर्द दूर करता है। सलाद या किसी अन्य डिश पर ऑलिव ऑयल की ड्रेसिंग कर सकते हैं।
अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें।