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चाहती हैं बच्चे में ना हो बर्थ डिफेक्ट तो रखें इन बातों का ध्यान
जन्म दोष वह असामान्यता है जो बच्चों में जन्म के समय देखी जाती है। इसके कई अलग अलग कारण हो सकते हैं। इनमें से अधिकांश दोष जेनेटिक समस्या की वजह से होती है, वहीं दूसरी ओर कुछ वातावरण और माता पिता की आदतों के कारण से होते हैं। जेनेटिक डिफेक्ट को रोका नहीं जा सकता जो पेरेंट्स की आदतों या फिर वातावरण के कारण होते हैं।
बर्थ डिफेक्ट संरचनात्मक या कार्यात्मक प्रकार के हो सकते हैं। संरचनात्मक बर्थ डिफेक्ट्स शरीर के अंगों को प्रभावित करते हैं। इसका उदाहरण है दिल से जुड़ी बीमारियां जैसे मिसिंग वाल्वस, न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स, स्पाइना बिफिडा, क्लेफ्ट लिप और पेलट।
वहीं कार्यात्मक बर्थ डिफेक्ट्स का प्रभाव शरीर के अंगों के कार्यों पर पड़ता है। इसके कारण डेव्लपमेंटल असामान्यता की समस्या होती है जैसे नर्वस सिस्टम, सेंसर परेशानी, डिजेनरेटिव असामान्यता और मेटाबोलिक डिसऑर्डर।
अगर आप गर्भवती हैं या फिर गर्भवती होने की योजना बना रही हैं तो मुमकिन है आपको इस बात की चिंता होगी कि कहीं आपका बच्चा जन्म दोष के साथ पैदा न हो। इस बात की संभावना को कम करने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। आइए जानते हैं कैसे आप बर्थ डिफेक्ट्स को रोक कर एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं।
पहले ही योजना बना लें
यदि आप माँ बनने की योजना बना रही हैं तो बेहतर होगा आप पहले ही अपने डॉक्टर से मिलकर उनसे सलाह ले लें ताकि आपके पास इस बात की जानकारी हो कि आपको किन चीज़ों से सावधानी बरतने की ज़रुरत है जिससे आपके बच्चे को किसी प्रकार का जन्म दोष न हो। इसके लिए आपके डॉक्टर आपके परिवार में बर्थ डिफेक्ट के इतिहास के बारे में पूछ सकते हैं।
अगर आपके परिवार में पहले यह हो चुका है तो इस बात की संभावना बनी रहेगी कि आपके होने वाले बच्चे पर भी इसका प्रभाव पड़े इसलिए इससे बचने के लिए आपके डॉक्टर आपको उचित सलाह के साथ कुछ दवाइयां भी दे सकते हैं।
फोलिक एसिड का सेवन
जैसे ही आपने इस बात का निर्णय ले लिया कि आप माँ बनना चाहती हैं, आप डॉक्टर से मिलिए और उनकी सलाह के अनुसार प्रतिदिन फोलिक एसिड का सेवन शुरू कर दें। कहा जाता है कि फोलिक एसिड ब्रेन और नर्वस सिस्टम से जुड़े जन्म दोषों की संभावना को कम करता है। याद रखिए न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट गर्भावस्था के पहले ही महीने में हो जाता है जब कई महिलाओं को पता भी नहीं रहता कि वह प्रेग्नेंट है इसलिए बेहतर यही होगा कि आप पहले से ही फोलिक एसिड का सेवन शुरू कर दें।
शराब से दूर रहें
गर्भावस्था में शराब का सेवन बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है और इसकी वजह से कई सारे बर्थ डिफेक्ट सकते हैं। उन्ही में से एक है फीटल अल्कोहल सिंड्रोम। इस स्थिति में शराब के सेवन से स्टिलबिर्थ के अलावा गर्भपात का भी खतरा बना रहता है। अगर आप गर्भवती हैं या फिर आप गर्भवती होना चाहती हैं तो फिर शराब का सेवन बिल्कुल बंद कर दें।
धूम्रपान हो सकता है खतरनाक
शराब के साथ धूम्रपान भी गर्भावस्था के दौरान खतरनाक हो सकता है। इसके कारण बच्चे का वज़न कम रह सकता है, इसके अलावा समय से पहले जन्म, क्लेफ्ट पैलेट जैसे जन्म दोष हो सकते हैं इसलिए आपके और होने वाले बच्चे के लिए बेहतर यही होगा कि आप धूम्रपान छोड़ दें। साथ ही अपने पति से भी इस बुरी आदत से दूर रहने के लिए कहें। वह भूलकर भी आपकी उपस्थिति में धूम्रपान न करें।
आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे
आपके स्वास्थ्य का सीधा प्रभाव आपके बच्चे पर पड़ता है। यदि आप स्वस्थ रहेंगी तो आपका बच्चा भी स्वस्थ ही पैदा होगा। इसके लिए आपको समय भोजन के साथ हल्का फुल्का व्यायाम भी करना चाहिए। गर्भावस्था में आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग और ध्यान भी बहुत लाभदायक सिद्ध होगा। केवल तनाव से दूर रहने वाली माताएं तंदुरुस्त बच्चे को जन्म दे सकती हैं।
इन्फेक्शन ना हो
प्रेगनेंसी में कई महिलाओं को इन्फेक्शन हो जाता है जिसके कारण होने वाले बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे बच्चे को बर्थ डिफेक्ट या फिर अन्य असामान्यताओं का खतरा होता है। जेनिटल हर्पीस और टोक्सोप्लाजमोसिस ऐसे इन्फेक्शन के कुछ उदाहरण है जिससे मंदता, लर्निंग डिसेबिलिटी या फिर सुनने में परेशानी हो सकती है। आपको चाहिए कि आप अपनी साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। साथ ही संक्रामक रोग वाले लोगों से दूर रहें। डॉक्टर से मिलकर इस विषय पर बात करें और इस तरह के इन्फेक्शन से दूर रहने के उपाय की जानकारी लें।
इम्यूनाइजेशन
गर्भावस्था में कुछ वैक्सीन ज़रूरी होते हैं इससे आपके शरीर को रोगों से लड़ने में मदद मिलती है। साथ ही आपके होने वाले बच्चे का इम्यून सिस्टम भी बढ़ता है। इम्यूनाइजेशन एक तरीका है जिससे आपके बच्चे को किसी भी प्रकार का जन्म दोष न हो।
बिना डॉक्टर से सलाह लिए दवाइयां न लें
कुछ दवाइयों के कारण जन्म दोष का खतरा होता है। इनमें से कुछ दवाइयां आम तौर पर इस्तेमाल की जाती हैं इसलिए बिना अपने डॉक्टर से सलाह लिए आप किसी भी दवा का सेवन न करें चाहे आपकी तकलीफ कितनी ही छोटी क्यों न हो। मल्टीविटामिन, फूड सप्लीमेंट या घरेलू हर्बल उपचार पर भी यही बात लागू होती है इसलिए जितना हो सके सावधान रहें।
सारे टेस्ट करवाएं
आजकल ऐसे कई टेस्ट होते हैं जिनसे इस बात का पता आसानी से लगाया जा सकता है कि आपके गर्भ में पल रहे शिशु को कोई बर्थ डिफेक्ट तो नहीं। इससे आप अपने बच्चे की सेहत की जानकारी पा सकती हैं और ज़रुरत पड़ने पर समय रहते उसका इलाज भी करवा सकती हैं।
आपके साथ आपके पति भी कोशिश करें
आपके पति के सहयोग के बिना नौ महीनों का यह सफर, स्वस्थ प्रेगनेंसी और सेहतमंद बच्चा मुमकिन नहीं है इसलिए आप अपने पति से भी सहयोग करने के लिए कहें। जीवनशैली में बदलाव जैसे खान पान, धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करना, यह सब केवल आपके पति के सपोर्ट से ही संभव है।
याद रखिये गर्भावस्था के दौरान आप जितना अच्छा अपना ध्यान रखेंगी उतने ही स्वस्थ और तंदुरुस्त बच्चे को आप जन्म देंगी। अगर आपकी सेहत ठीक नहीं रहेगी तो इसका असर होने वाले बच्चे पर भी पड़ेगा इसलिए जहां तक हो सके तनाव से दूर रहें और अपने खाने पीने का ख़ास ध्यान रखें।